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राष्ट्रीय लोक अदालत में निबटाये गये 1502 मामले, छह करोड़ से अधिक का हुआ सेटलमेंट

राष्ट्रीय लोक अदालत काआयोजन जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को किया गया.

छपरा. राष्ट्रीय लोक अदालत काआयोजन जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष पुनीत कुमार गर्ग और जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

इस मौके पर सचिव ब्रजेश कुमार, ग्रामीण एसएसपी डॉ कुमार आशीष, बार काउंसिल के अध्यक्ष गंगोत्रीप्रसाद, पूर्णेन्दु रंजन सहित विधिक सेवा प्राधिकार के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे. इसका आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर किया गया था. देर शाम तक जो जानकारी मिली उसके अनुसार 1502 से मामले निबटाये गये. लक्ष्य 2000 का रखा गया था जिनके करीब यह अभियान पहुंच गया. सबसे बड़ी बात है कि राष्ट्रीय लोक अदालत में केवल कोर्ट से जुड़े 640 मामलों का निष्पादन किया गया. इसके अलावा अन्य मामलों का विभिन्न निष्पादन किया गया.

इस मौके पर सभी बेंच के लिए प्रतिनियुक्त न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित थे. उद्घाटन के बाद, छपरा और सोनपुर में कुल 16 बेंचों पर मामले का निष्पादन शुरू किया गया. डिस्ट्रिक्ट एंड एडिशनल सेशन जज संदीप पटेल और एडवोकेट पूर्णेन्दु रंजन, डिस्ट्रिक्ट एंड एडिशनल सेशन जज और एडवोकेट हरिओम बिहारी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी स्वाति सिंह एडवोकेट डॉक्टर अशोक कुमार, एसीजेएम संजय कुमार एडवोकेट सैयद सऊद अहमद, एसीजेएम हेना मुस्तफा और एडवोकेट समीर कुमार मिश्रा, एसीजेएम रविकांत मणि त्रिपाठी और एडवोकेट राजदेव शर्मा, रेलवे मजिस्ट्रेट सोनपुर दामोदर कुमार और एडवोकेट राजू कुमार रजक, जुडिशल मजिस्ट्रेट अनूप रावत और एडवोकेट संजीव कुमार, जुडिशल मजिस्ट्रेट ज्ञान प्रकाश और एडवोकेट रेणु कुमारी, जुडिशल मजिस्ट्रेट कार्तिकेय केसरवानी एडवोकेट अमित रंजन, जुडिशल मजिस्ट्रेट राकेश रंजन और एडवोकेट दुर्गेश प्रकाश, बिहार जुडिशल मजिस्ट्रेट शिखा प्रिया और एडवोकेट मीना सिंह, जुडिशल मजिस्ट्रेट नूपुर प्रियदर्शी और एडवोकेट बेदार बख्त, जुडिशल मजिस्ट्रेट अतुल्य स्तुति और एडवोकेट मुन्नी कुमारी, जुडिशल मजिस्ट्रेट सौम्या सुमन और एडवोकेट ओमप्रकाश ओझा थे.

ऐसे मामलों की हुई सुनवाई

राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामले जैसे बैंक के ऋण मामले, दुर्घटना क्लेम, न्यायालय में लंबित फौजदारी और दीवानी मामले, पारिवारिक विवाद, एनआइ एक्ट, भू अधिग्रहण, खनन, बिजली-पानी, कर्मचारियों के वेतन और पेंशन, ग्राम कचहरी, और बीएसएनएल के मामलों का सुलह समझौता के आधार पर निबटारा किया गया.

शून्य खर्चे पर तुरंत फैसला

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य जनता को बिना खर्च और कम समय में न्याय उपलब्ध कराना है. उन्होंने बताया कि छोटे विवादों और सुलह योग्य मामलों के निपटारे से न्यायपालिका गंभीर और जटिल मामलों पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकेगी. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोक अदालत में हुए फैसलों के खिलाफ न तो हाईकोर्ट और न ही सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है. यदि उसमें कोई बात छुपाई नहीं गई हो.कार्यक्रम के दौरान पदाधिकारियों ने लोगों को लोक अदालत की महत्व समझाते हुए कहा कि यह मंच न्याय प्राप्ति की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाता है. आम जनता के लिए यह अवसर है कि वे लंबे समय से लंबित पड़े मामलों को आपसी सहमति से समाप्त कर सकें.

बैंक रिकवरी के 765 मामलेक्रिमिनल कंपैटिबल केसेस 731बीएसएनल से जुड़े 06 मामलेछह करोड़ से अधिक सेटलमेंट की राशि

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