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अब किसानों को घर तक मिट्टी जांच की मिलेगी सुविधा : जेडीए

छपरा (सदर) : कृषि विभाग ने ग्रामीण स्तर पर किसानों के मिट्टी जांच की सुविधा के मद्देनजर ग्रामीण स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला (मिनी लैब) की स्थापना की तैयारी की है. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, किसानों के आये में वृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार के सृजन, मृदा परीक्षण में लगने वाले समय को कम करने […]

छपरा (सदर) : कृषि विभाग ने ग्रामीण स्तर पर किसानों के मिट्टी जांच की सुविधा के मद्देनजर ग्रामीण स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला (मिनी लैब) की स्थापना की तैयारी की है.

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, किसानों के आये में वृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार के सृजन, मृदा परीक्षण में लगने वाले समय को कम करने और किसानों को उनके घर तक मिट्टी जांच की सुविधा के मद्देनजर ही सरकार ने यह योजना चलायी है. इससे युवाओं को रोजगार का जहां अवसर मिले, वहीं किसानों को भी मिट्टी जांच की सुविधा से खेती का लाभ मिले.
इच्छुक लाभुकों को करना होगा 25 फीसदी अंशदान : कृषि विभाग ने ग्रामीण स्तर पर मिनी लैब खोलने में आने वाली लागत पांच लाख रुपये में से 75 फीसदी अनुदान की सुविधा का निर्णय लिया है. इच्छुक लाभुक को 25 फीसदी अंशदान करना होगा.
इस राशि से यंत्र, उपकरण, रसायन व प्रयोगशाला के अन्य सामग्रियों पर ढाई लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. जबकि सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण अर्थात, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्केनर, जीपीएस यंत्र के क्रय पर एक लाख रुपये खर्च होंगे.
सारण प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक विजेंद्र चौधरी के अनुसार इस संबंध में मिट्टी जांच प्रयोगशाला बिहार के उपनिदेशक (रसायन) संजय कुमार सिंह का पत्र भी प्राप्त हो गया है, जिसके तहत इच्छुक युवक जो एग्री क्लिनिक, कृषि उद्यमी, प्रशिक्षण के साथ द्वितीय श्रेणी से विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक उत्तीर्ण किये है व कंप्यूटर चलाने का अनुभव है तो 25 फरवरी तक सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र के साथ जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन दे सकते है.
बोले पदाधिकारी
सरकार ने किसानों को उनके घरों तक मिट्टी जांच की सुविधा उपलब्ध कराने और बेरोजगार युवकों को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से ही ग्रामीण क्षेत्र पर मिनी लैब की स्थापना का निर्णय लिया गया है. इसके निर्माण पर आने वाली लागत पांच लाख रुपये में से 75 हजार फीसदी राशि सरकार अनुदान देगी. शेष 25 फीसदी राशि लाभुकों को अपने संसाधन से खर्च करना होगा.
विजेंद्र चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक, सारण

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