दिघवारा : प्रखंड अधीन क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही ठंड ने हर किसी की मुश्किलों को बढ़ाया है. वहीं पिछले एक पखवारे से ठंड के बढ़ रहे सितम ने विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की राह को काफी मुश्किल बनाया है. ठंड के चलते बिहार बोर्ड के मैट्रिक, इंटर व सीबीएसइ बोर्ड के वर्ग 10वीं व 12वीं के हजारों परीक्षार्थी परीक्षा की तैयारी में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं.
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ठंड में उपस्थिति कम होने से एचएम का बढ़ा टेंशन
दिघवारा : प्रखंड अधीन क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही ठंड ने हर किसी की मुश्किलों को बढ़ाया है. वहीं पिछले एक पखवारे से ठंड के बढ़ रहे सितम ने विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की राह को काफी मुश्किल बनाया है. ठंड के चलते बिहार बोर्ड के मैट्रिक, इंटर व सीबीएसइ बोर्ड के […]
ऐसी स्थिति में परीक्षार्थियों की तैयारियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. जानलेवा ठंड ने परीक्षार्थियों की मुश्किलों को कई गुना बढ़ा दिया है. ठंड के चलते कोई परीक्षार्थी अपनी कोचिंग क्लास तक नहीं पहुंच पा रहा है, तो किसी को परीक्षा की तैयारी के लिए रिवीजन करने में कठिनाई हो रही है.
सुबह उठकर परीक्षा की तैयारी करने की पुरानी परंपरा भी ठंड की चपेट में आ गयी है, जिसके कारण परीक्षार्थी अहले सुबह उठकर अपने सिलेबस को ठीक ढंग से नहीं पढ़ पा रहे हैं. ठंड के चलते अभिभावक भी परीक्षार्थियों पर दबाव नहीं दे पा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि कंबल व रजाई के नीचे व अलाव के पास ही परीक्षार्थियों का दिन भर का कीमती वक्त गुजर जा रहा है.
आपको बता दें कि फरवरी माह में ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक व इंटर की परीक्षा घोषित है और इसी माह सीबीएसइ ने भी 10वीं व 12वीं की फाइनल परीक्षा ली जायेगी.
ऐसी स्थिति में इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों के लिए जनवरी का वक्त काफी कीमती होता है और इसी महीने में परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी को फिनिशिंग टच देना होता है, लेकिन वे लोग ऐसा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. ठंड ने विद्यार्थियों की उम्मीदों को झटका दिया है.
परीक्षा की तैयारी पर भी असर, पूर्व में ही दे चुके हैं नामांकित बच्चों की संख्या
ठंड ने बढ़ायी हेडमास्टरों की परेशानी : जल जीवन हरियाली को लेकर 19 जनवरी को मानव शृंखला का आयोजन होना है. इसके लिए तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है, मगर इन तैयारियों के बीच सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व निजी स्कूलों के प्राचार्यों की मुश्किलें बढ़ गयी है,
क्योंकि ठंड की छुट्टी के बाद सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद बच्चों की उपस्थिति में काफी गिरावट देखने को मिली और मौसम के तल्ख रवैया के कारण आने वाले दिनों में भी बच्चों की उपस्थिति में गिरावट होने की आशंका है.
ऐसी स्थिति में स्कूल प्रधानों का टेंशन काफी बढ़ गया है, क्योंकि स्कूलों में उम्मीद के मुताबिक बच्चों की उपस्थिति नहीं देखी जा रही है. इतना ही नहीं हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों में भी उपस्थिति में काफी गिरावट आयी है.
ऐसी स्थिति में जगह-जगह मानव शृंखला के लिए चलाये जाने वाले जागरूकता अभियानों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. जगह-जगह मानव शृंखला से पूर्व मॉकड्रिल का काम चल रहा है, वहीं कई जगहों पर नुक्कड़ नाटकों व अन्य माध्यमों से भी लोगों को मानव शृंखला के निर्माण के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी.
ठंड ने बढ़ायी हेडमास्टरों की परेशानी : जल जीवन हरियाली को लेकर 19 जनवरी को मानव शृंखला का आयोजन होना है. इसके लिए तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है, मगर इन तैयारियों के बीच सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व निजी स्कूलों के प्राचार्यों की मुश्किलें बढ़ गयी है,
क्योंकि ठंड की छुट्टी के बाद सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद बच्चों की उपस्थिति में काफी गिरावट देखने को मिली और मौसम के तल्ख रवैया के कारण आने वाले दिनों में भी बच्चों की उपस्थिति में गिरावट होने की आशंका है. ऐसी स्थिति में स्कूल प्रधानों का टेंशन काफी बढ़ गया है, क्योंकि स्कूलों में उम्मीद के मुताबिक बच्चों की उपस्थिति नहीं देखी जा रही है. इतना ही नहीं हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों में भी उपस्थिति में काफी गिरावट आयी है.
ऐसी स्थिति में जगह-जगह मानव शृंखला के लिए चलाये जाने वाले जागरूकता अभियानों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. जगह-जगह मानव शृंखला से पूर्व मॉकड्रिल का काम चल रहा है, वहीं कई जगहों पर नुक्कड़ नाटकों व अन्य माध्यमों से भी लोगों को मानव शृंखला के निर्माण के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी.
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