Samastipur News:पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में सब्जियों में एकीकृत कीट प्रबंधन में नई प्रगति विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ रत्नेश कुमार झा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दौर में नई-नई तरह का बीमारियां फसलों को प्रभावित करता है. सब्जियों में डालने वाले कैमिकल मानवीय जीवन के लिए खतरा बना हुआ है. ऑफ सीजन सब्जियों की खेती ज्यादा लाभकारी होता है. कीट को बिना मारे हुए सब्जियों का बेहतर उत्पादन लेने का तकनीक को प्रशिक्षण में शामिल किया गया है. प्रशिक्षण सत्र में बतौर मुख्य अतिथि निदेशक अनुसंधान डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वातावरण एवं स्वास्थ्य को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की जरूरत है. कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यू. मुखर्जी ने कहा कि समेकित कीट प्रबंधन सदियों पूर्व से आ रहा है. रासायनिक खाद एवं कीटनाशी का अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरकता क्षीण होती जा रही है. नियंत्रक डा पीके झा ने कहा कि लोगों के तरह कीट-व्याधियों को भी सब्जी अच्छा लगता है. भौतिक रासायनिक एवं जैविक विधि से समानांतर रूप से प्रयोग करने पर बेहतर उत्पादन संभव है. मौके आत्मा पटना से जुड़े 60 किसान एवं एटीएम सहित संबंधित वैज्ञानिक एवं कर्मचारी मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

