Samastipur News:समस्तीपुर : स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित हो और वह नई खोज के लिए प्रेरित हो इसके लिए इंस्पायर अवार्ड शुरू किया गया है. इसके बावजूद जिले में साइंस टीचर व एचएम इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए प्रत्येक विद्यालयों को पांच-पांच छात्रों का रजिस्ट्रेशन करा विज्ञान के आइडिया को पोर्टल पर अपलोड करना था. सोमवार तक मात्र 28 विद्यालयों के 113 बच्चों ने ही आवेदन किया है. मालूम हो कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हुई थी. इंस्पायर मानक योजना अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 6-12 वर्ग के छात्रों के नवाचारों का चयन कर ईएमआईएएस पोर्टल पर अपलोड करना है. विद्यार्थियों में नवप्रवर्तन एवं रचनात्मक सोच की संस्कृति की बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान द्वारा इंस्पायर अवार्ड-मानक योजना संचालित की जा रही है. जिले के मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित व विज्ञान शिक्षकों की पोस्टिंग हुई है. इसके बावजूद भी छात्रों के नवाचार को इएमआइएस पोर्टल पर अपलोड करने में सुस्ती बरती जा रही है. हालांकि, सुस्ती बरतने वाले विद्यालय के संबंधित विज्ञान के शिक्षक व प्रधानाध्यापक पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी. विभागीय आदेश के आलोक में लगातार ऐसे शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को चिह्नित करने के लिए विभाग मॉनिटरिंग कर रहा है. इंस्पायर अवार्ड के लिये पोर्टल पर नवाचार अपलोड करने में सुस्ती बरतने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान में आदेश जारी किया है.
राष्ट्रपति भवन जाने का मौका
इंस्पायर अवॉर्ड में चयनित स्कूली बच्चों को राष्ट्रपति भवन जाने तक का मौका मिल सकता है. कम खर्च और कम समय में उपयोगी मॉडल बनाने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जायेगा. राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने पर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के गाइड मॉडल बनाने में छात्र छात्रों की सहायता करेंगे. इस तरह एक हजार आइडिया का चयन राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए होगा, जो दिसंबर महीने में आईआईटी दिल्ली में लगाई जायेगी. अंतिम में साठ प्रोजेक्ट का चयन होगा, जो राष्ट्रपति भवन में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन में दिखाया जायेगा. इसके अलावा इसका पेटेंट भी करवाया जायेगा. जिससे रॉयल्टी के रूप में आय प्राप्त होगी. विज्ञान विषय में उत्कृष्ट विद्यार्थी इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए पात्र होंगे. छात्रों का मनोनयन ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से करते समय प्रोजेक्ट का नाम व संक्षिप्त रिपोर्ट के आधार पर होगा. इंस्पायर अवार्ड के अंतर्गत श्रेष्ठ नवाचारी प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि के रूप में दस हजार रुपए दिये जायेंगे. यह रुपए छात्रों के खाते में दी जायेगी.
धीमी गति से हो रहा इनोवेशन अपलोड
अभिभावकों का कहना है कि इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत इनोवेटिव आइडियाज को पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया धीमी चल रही है. इसे तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में विज्ञान विषय के शिक्षक अनदेखी कर रहे हैं. जिसका खामियाजा आने वाले समय में छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ेगा. धीरे-धीरे उनके अंदर कुंठा की भावना पनपने लगेगी. यदि उनके विचारों को सही प्लेटफार्म मिलता है तो उनके साथ-साथ अन्य छात्रों के अंदर भी उत्साह की भावना पनपेगी. सीबीएसई बोर्ड के किसी भी विद्यालय द्वारा इस योजना में नामांकन न कराना उदासीनता का परिचायक है. योजना में विद्यार्थी को आइडिया देना होता है. आइडिया ऐसा होना चाहिए जिसका मॉडल बनाने पर समय और पैसा दोनों कम खर्च हों और उससे आमजन की दैनिक जीवनचर्या में कोई सुधार हो. आइडिया चयनित होने पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक मॉडल बनायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

