सरायरंजन. भारत का अघोषित संविधान है श्री रामचरितमानस. यह बात प्रखंड के सिहमा गांव स्थित शनि देव मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा में अयोध्या हनुमानगढ़ी से आये बाल संत अमित दास ने कही. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के सनातन धर्म के अनुयायी जब तक श्री रामचरितमानस की दो-चार चौपाइयों से अपने कथन को पुष्ट नहीं करते हैं तब तक उनकी वाणी प्रामाणिक नहीं मानी जाती है. श्री रामचरितमानस की चौपाइयां पंचांग के समान है जो मानव का सर्वांगीण कल्याण करती है. बाल संत ने स्पष्ट किया कि रामचरितमानस के पात्रों को चरित्र में उतारने से इंसान भगवान बन सकता है. श्रीराम कथा महायज्ञ के भक्ति रस में देर रात तक श्रद्धालु सराबोर होते रहे. मौके पर आयोजक ललित चौधरी, प्रमोद ईश्वर, ललन कुमार ईश्वर, फौजी साहब, डॉ राज कुमार ठाकुर आदि श्रद्धालु मौजूद थे.
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