Samastipur News:समस्तीपुर : शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ ही बागबानी के गुर सिखाने के लिए पोषण वाटिका तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. जिले के हर प्रखंड के एक-एक प्रारंभिक स्कूल में आदर्श पोषण वाटिका स्थापित होगी. ताकि, मध्याह्न भोजन में ताजा हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जा सके. पहले चरण में प्रखंड मुख्यालय की नजदीकी ग्राम पंचायतों के स्कूलों का चयन किये जाने का प्रावधान है. मनरेगा से तहत हर प्रखंड के एक प्रारंभिक विद्यालय का चयन किया गया है. मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्र ने एमडीएम डीपीओ को इस संबंध में पत्र भेजा है. कहा है कि स्कूल में पोषण वाटिका के लिए जमीन उपलब्धता के अनुसार ही पोषण वाटिका संरचना स्थापित होगी. ताकि, ठीक तरीके से देखभाल की जा सके. आदर्श पोषण वाटिका के लिए नाडेप (खाद बनाने वाला 5X3 फुट का टैंक) का निर्माण भी मनरेगा द्वारा कराया जायेगा. एमडीएम डीपीओ सुमित कुमार सौरभ ने बताया कि पहले चरण में मॉडल पोषण वाटिका स्थापित करने के लिए विद्यालयों की सूची बनाकर विभाग को भेज दी गयी है. जिले के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों व एचएम को पोषण वाटिका संरचना के संबंध में प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है. अगले चरण में शिक्षकों को प्रशिक्षण कराने की तैयारी की जा रही है. जिले में 725 प्रारंभिक विद्यालयों को पोषण वाटिका संरचना के लिए विभाग द्वारा पांच-पांच हजार रुपये भी भेज दिए गये हैं. इस राशि से कंटीला तार या टाट से घेरने के लिए एक हजार, पौधे पर एक हजार, कुदाल-खुरपी आदि पर दो हजार व अन्य पर एक हजार रुपये खर्च किये जायेंगे. एचएम को गति से पोषण वाटिका संरचना स्थापित कराने को कहा गया है. कई स्कूलों में पोषण वाटिका का संरचना लगायी जा चुकी है. कई में स्थापित करायी जा रही है.
प्रत्येक सप्ताह चेतना सत्र में मिलेगा गाइडेंस
डीपीओ एमडीएम ने बताया कि जिन स्कूलों में पोषण वाटिका तैयार की जायेगी, वहां पढ़ने वाले कक्षा आठवीं के बच्चों को प्रत्येक सप्ताह बुधवार के दिन चेतना सत्र में वाटिका को बेहतर बनाने के लिए गाइड किया जायेगा. पोषण वाटिका में लगाये जाने वाले पालक, मूली, धनिया, मेथी, टमाटर, मिर्च, गाजर और पुदीना सहित अन्य सब्जियां उगायी जायेगी. वहीं जिन स्कूलों में पर्याप्त जगह है, वहां की वाटिका में बच्चों को गोभी, मटर और अन्य सिजनल सब्जियों की खेती के तरीके और सिंचाई के बारे में जानकारी दी जायेगी. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष पोषण माह के दौरान स्कूलों में प्रखंड स्तर पर पोषण मेला भी आयोजित किया जायेगा. मेले में पोषण व खाद्य विविधता का प्रदर्शन, जागरूकता व प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी. इसके साथ ही प्रत्येक छह माह पर अभिभावकों के साथ बैठक आयोजित कर पोषण वाटिका के महत्व को बताने के साथ ही इसे घरों में भी तैयार करने के लिए प्रेरित किया जायेगा.
इन स्कूलों में बनेंगी मॉडल पोषण वाटिकाएं
मध्य विद्यालय देसुआ, उमवि परशुराम, मवि राघोपुर, उमवि बेलसंडी, मवि कांचा, मवि मोरसंड, मवि बथुआ बुजुर्ग, मवि फतेहपुर, मवि रसलपुर, उमवि हरपुर एलौथ, उमवि भथनाहा, बुनियादी विद्यालय हांसा, मवि लगमा उत्तर, उमवि पातेपुर, मवि नगरगामा, उमवि लखनपुर, उमवि मोरवा डीह, बुनियादी विद्यालय जगन्नाथपुर, उमवि महरौर, सोनावती रेशमा मवि इनायतपुर.
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