समस्तीपुर . जिले के सरकारी स्कूलों के छात्रों में भाषाई समझ, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और बहुभाषी दक्षता को बढ़ाने के लिए भारतीय भाषा उत्सव मनाया जायेगा. 11 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में स्कूलों में कथा, कविता व संवाद की जीवंत प्रस्तुति होगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने देश के सभी राज्यों को महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती 11 दिसंबर को स्कूलों में भारतीय भाषा उत्सव के रूप में मनाने और 11 दिसंबर तक भाषायी गतिविधियां कराने को कहा है. डीपीओ एसएसए जमालुद्दीन ने बताया कि छात्रों को पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दक्ष बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है. स्कूलों में अनेक भाषाएं और एक भावना थीम पर भारतीय भाषा उत्सव मनाया जायेगा. इसमें कथा, कविता और संवाद की जीवंत सांस्कृतिक धारा बहेगी. कार्यक्रम में मातृभाषा आधारित शिक्षा, बहुभाषी सीख और सांस्कृतिक एकत्व को भी स्कूलों में वातावरण में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास है. जानकारी के मुताबिक विद्यार्थी घर, क्षेत्र और देश में बोली जाने वाली भाषाओं का परिचय देंगे. पांच दिसंबर को भाषाओं पर आधारित कविता और संगीत के तहत विभिन्न भाषाओं की कविताओं और गीतों की प्रस्तुति होगी. छह को विभिन्न भारतीय भाषाओं के त्योहारों से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषाओं की आवाज का पॉड कास्ट होगा. आठ दिसंबर को कहावतों में एकता के माध्यम से बच्चों को देशभर की कहावतों में निहित एकता का संदेश समझाया जाएगा, जबकि भाषा मित्र में सहयोग के तहत छात्र-छात्राएं एक-दूसरे की भाषाओं के शब्द सिखायेंगे. नौ दिसंबर को भाषा बंधु पत्र और बहुभाषीय कहानी-शृंखला होगी. 10 को विद्यालयों में भाषा अन्वेषण सक्रिय होंगे, जहां बच्चे खेल, कहानी, शब्द-यात्रा और संवाद आधारित गतिविधियों के माध्यम से भाषाओं की खोज करेंगे. उत्सव का समापन 11 दिसंबर को इंटरेक्टिव भाषा मेला और भाषा-रंगमंच प्रस्तुतियों के साथ होगा. यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है जो भाषाई सद्भाव पर जोर देती है.
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