Samastipur News: समस्तीपुर : स्थानांतरण की राह देख रहे शिक्षकों को नये सरकार के गठन के उपरांत इसका लाभ मिलेगा. बताते चलें कि पूर्व में स्थानांतरण नीति से नाखुश शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए स्थानांतरण संबंधी मामलों के निपटारे के लिए नई व्यवस्था लागू की गई. लेकिन चुनाव होने के कारण मामला दब गया. बता दें पिछले कुछ महीनों से सरकारी शिक्षक अपने तबादले को लेकर परेशान हैं. कई शिक्षकों की समस्या का समाधान हो गया. कई लोग अपना तबादला चाह रहे हैं लेकिन नहीं हो पा रहा. सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इनकी समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर समिति गठित करने का निर्णय लिया. लेकिन जिला में चुनाव के कारण इसका गठन नहीं हो सका. चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर से शिक्षकों में स्थानांतरण की उम्मीद जगी है. शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव के स्पष्ट कहा है कि जिला स्थापना समिति को शिक्षकों के अंतर-जिला और जिला के अंदर स्थानांतरण, स्थानांतरण से संबंधित शिकायतों का निपटान, और जिले के भीतर स्वीकृत रिक्त पदों की सीमा तक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकृत किया गया है. यह प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इसके तहत 8 सदस्यीय कमेटी बनाई जायेगी, जो शिक्षकों के स्थानांतरण से जुड़े मामलों को देखेगी. जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. समिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. उप विकास आयुक्त, अपर जिला दंडाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), डीएम द्वारा मनोनीत एससी-एसटी, महिला वरीय उप समाहर्ता और अल्पसंख्यक श्रेणी के एक अधिकारी शामिल होंगे. यह समिति जिला के अंदर शिक्षकों का तबादला और पदस्थापन करेगी. अंतरजिला स्थानांतरण मामले पर मुख्यालय को अनुशंसा भेजेगी. साथ ही जिले में खाली पड़े पदों पर तय समय सीमा के भीतर प्रतिनियुक्ति करना भी होगा.
जोड़ीदार नहीं मिलने से शिक्षक परेशान
जिला में ऐच्छिक स्थानांतरण की बाट जोह रहे शिक्षकों को विभाग की नई नीति से परेशानी बढ़ गई है. म्यूचुअल ट्रांसफर में जोड़ीदार नहीं मिलने से शिक्षको को काफी परेशानी हो रही है. शिक्षक सुबह से शाम तक टेलीफोनिक या सोशल मीडिया पर साथी की तलाश कर रहे हैं. बताते चलें कि शिक्षा विभाग द्वारा स्पेशल ग्राउंड पर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया लेकिन दूरी के आधार पर अंतर जिला और अंतः जिला में स्थानांतरण नहीं होने से जिला के सैंकड़ों शिक्षकों को निराशा हाथ लगी. वर्ष 2006 और उसके बाद अन्य जिला से आकर नियुक्त शिक्षक स्थानांतरण को लेकर काफी उत्साहित थे. विभाग द्वारा आवेदन लिये जाने के बाद उनमें इसकी खुशी और भी बढ़ गई थी. लेकिन विभाग द्वारा जैसे ही इस पर विराम लगाकर परस्पर स्थानांतरण की बात लायी गयी. शिक्षक के होश उड़ गये. कुछेक शिक्षकों का कहना है कि विभाग द्वारा स्थानांतरण को लेकर जिस प्रकार से आश्वासन और विश्वास दिलाया जा रहा था. उसके कारण गर्मी छुट्टी में किराया का मकान खाली कर सारा सामान और परिवार को लेकर अपने गृह जिला रख आये. ताकि गर्मी छुट्टी के बाद योगदान निश्चित है. लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. विभाग द्वारा परस्पर स्थानांतरण के आदेश के बाद शिक्षक सोशल मीडिया सहित शिक्षक ग्रुप पर मूल काम से भट कर साथी तलाशने का अभियान चला रहे हैं. शिक्षकों के ग्रुप में तो सहारा ले ही रहे है साथ ही गूगल डॉक से इससे संबंधित डाटा का भी कलेक्शन कर रहे हैं. परस्पर स्थानांतरण में विषय, वर्ग और बहाली केटेगरी की बाध्यता से साथी की तलाश कठिन हो गयी है. शिक्षकों का कहना है कि दूसरे राज्य और अन्य जिला से आकर नियुक्त शिक्षकों को परस्पर साथी की तलाश असंभव प्रतीत हो रहा है. इस प्रकार का स्थानांतरण पहले भी होता था, लेकिन उस समय भी एक-दो स्थानांतरण ही दिखाई पड़ता था. उम्मीद जताई जा रही है कि समिति गठित होने के बाद इसमें पारदर्शिता आयेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

