पूसा . डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च में बटन मशरूम बुआई के लिए कम्पोस्ट का निर्माण जारी है. बटन मशरूम की बोआई समय से करने की जरूरत है. मशरूम विशेषज्ञ डॉ दयाराम ने कहा कि जो किसान अभी तक बटन मशरूम नहीं लगाये हैं वे अविलंब इसी सप्ताह में त्वरित गति से बोआई कर लें. अन्यथा फसल से प्राप्त होने वाला उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगी. खासतौर से इस वर्ष असामयिक वर्षा के कारण न समय से खाद का निर्माण हो पाया. न ही समय से बोआई हो सकी है. किसान खाद की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता के साथ बिजाई का कार्य सम्पन्न करें. मशरूम उत्पादक अगर कहीं बाहर से कम्पोस्ट की खरीददारी करते हैं तो उस खाद की गुणवत्ता की अवश्य जांच करें. फिर विवि से अनुशंसित स्पॉन की बिजाई करें. मशरूम केंद्र प्रभारी सह वैज्ञानिक डॉ आरपी प्रसाद ने कहा कि मशरूम कम्पोस्ट की गुणवत्ता जांचने के दौरान खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. जो कंपोस्ट का उपयोग बिजाई के दौरान करना है उसमें अमोनिया की गंध नहीं होनी चाहिए. तैयार कम्पोस्ट में नमी की मात्रा 60 से 65 प्रतिशत होनी चाहिए. कम्पोस्ट का पीएच मान 7.22 से 7.8 तक व कम्पोस्ट का रंग भूरा होनी चाहिए. नमी की मात्रा व तापमान अधिक हो तो उसे खुले स्थान पर में बनाकर जरूरत के हिसाब से ठंडा करके नमी एवं तापमान को नियंत्रित कर लें. बटन मशरूम का उत्पादन अगर किसान झोपड़ी में कर रहे हो तो एक क्विंटल कम्पोस्ट में एक किलोग्राम स्पॉन की दर से कम्पोस्ट में डालकर प्रयोग करें. मशरूम को झोपड़ी में लगाने के बाद 24 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान व अपेक्षित आद्रता 85 से 90 प्रतिशत बनाये रखने का सुझाव दिया है.
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