Samastipur News: समस्तीपुर : सरकारी विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने व जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने के लिए इको क्लब का गठन करने का निर्देश दिया गया था. पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण कार्य इको क्लब के सदस्य करेंगे. बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा के साथ प्रकृति से जोड़ना इसका उद्देश्य था लेकिन बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी शत-प्रतिशत विद्यालयों में इसका गठन नहीं किया जा सका है. जिला के कई स्कूलों की ओर से इसमें कोई खास रूचि नहीं ली जा रही है. इसके गठन को लेकर बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक ने खेद व्यक्त किया है. मिली जानकारी के मुताबिक जिले के 58 फीसदी विद्यालयों में ही इसका गठन हो सका है. इस क्लब का उद्देश्य छात्रों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है. प्रत्येक ईको क्लब में 20 सदस्य होंगे. जिनमें बाल संसद से 14 छात्र शामिल किये जायेंगे. जबकि शेष 6 छात्रों का चयन स्कूल प्रधानाध्यापक की अनुशंसा पर होगा. क्लब की सभी गतिविधियों का संचालन प्रधानाध्यापक की देखरेख में होगा. इसके अलावा पूरे वर्ष भर इन क्लबों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर आधारित गतिविधियों की रूपरेखा भी तय की गई है. जनवरी में स्वस्थ जीवनशैली, फरवरी में हरियाली व जैव विविधता, मार्च में जल संरक्षण, अप्रैल में ऊर्जा संरक्षण, मई में कचरा प्रबंधन, जून में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने थे. विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू हुए ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0 में जिले के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को बच्चों से पौधे लगवाने के लिए निर्देश दिए गए थे. इस प्रक्रिया का फोटो और वीडियो अपलोड करने का निर्देश भी दिया गया था. फोटो अपलोड करने के बाद उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाना है. प्रारंभ में तो शिक्षक और बच्चों ने सक्रियता दिखाई, लेकिन बाद में वे उदासीन हो गये. स्कूल के उदासीनता के कारण 445 पौधे लगा कर ही छोड़ दिया गया. समग्र शिक्षा के डीपीओ जमालुद्दीन ने बताया कि यह पहल बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने और व्यावहारिक ज्ञान सिखाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. यह योजना स्कूल शिक्षा में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और छात्रों में नेतृत्व क्षमता के साथ सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत करेगी. इको क्लब की ओर से वार्षिक कैलेंडर का निर्माण करना है, जिसमें विभिन्न महीने में कई विषयों पर कार्यक्रम होगा. विद्यालय में इको क्लब के गठन व गतिविधि के संचालन को लेकर निर्देश दिया गया. निर्देश का पालन न करना उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना है. जल्द ही लापरवाह एचएम पर चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.
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