Samastipur News: समस्तीपुर : लाइब्रेरी के बिना शिक्षा अधूरी व सूनी है. जिला मुख्यालय स्थित काॅलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए समृद्ध पुस्तकालय की व्यवस्था है. लेकिन लाइब्रेरियन के पदस्थापना नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है़. छात्र नेता मुलायम कुमार सिंह ने कहा कि ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन वेलफेयर एसोसिएशन के 7 सदस्य प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिल कर लाइब्रेरियन के खाली पदों को भरने को लेकर 5 सूत्री मांग पत्र दिया था. लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद कार्रवाई नहीं की गई. इधर, श्री सिंह ने बताया कि राज्यपाल से पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि राज्य के विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कॉलेज में लाइब्रेरी का संचालन आउटसोर्स स्टाफ के द्वारा कराया जा रहा है. जबकि लाइब्रेरी का कुशल संचालन लाइब्रेरियन के द्वारा ही करने का प्रावधान यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के द्वारा पहले से तय है. फिर भी नियमों को ताक पर रखकर लाइब्रेरी डेवलप के नाम पर लाखों रुपए खर्च दिखाये जाते हैं. अधिकारी अपने निजी लोगों को रखकर लाइब्रेरी का संचालन करा रहे हैं. मांग पत्र में अभ्यर्थियों ने मांग की कि राज्य में शिक्षा की रफ्तार को और बढ़ाने के लिए बिहार के विश्वविद्यालय एवं कॉलेज में लाइब्रेरियन, सहायक लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी अटेंडेंट, पुस्तकालय प्रोफेशनल के रिक्त पदों पर जल्द ही बहाली प्रक्रिया शुरू किया जाये. लाइब्रेरी साइंस के गेस्ट शिक्षक को 1000 की मानदेय प्रति क्लास दिया जाये. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी साइंस का अपना डिपार्टमेंट स्थापित किया जाये एवं पीएचडी की पढ़ाई शुरू की जाये. ताकि लाइब्रेरी साइंस से बिहार के लाइब्रेरी साइंस के छात्रों को दूसरे राज्यों में पीएचडी करने नहीं जाना पड़े. छात्र नेता ने बताया कि इधर एक उम्मीद की लौ जली है. विश्वविद्यालयों एवं उनके अंगीभूत कॉलेजों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जायेगी. साथ ही लाइब्रेरी साइंस के शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जायेगी. इन दोनों के लिए पद सृजित किये जायेंगे. इस संदर्भ में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने शिक्षा विभाग के सचिव को एक पत्र लिखा है.
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