पूसा . समाज में आईना के रूप में सोशल मीडिया एवं कृषि पत्रकारिता अपनी पहचान विकसित कर चुका है. पत्रकारिता बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. खासकर किसानों की फसलों से संबंधित समस्याओं एवं उसके वैज्ञानिकी निदान को उनके खेतों से उठाने में कृषि पत्रकारिता की महती भूमिका होती है. यह बातें डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में सोशल मीडिया और कृषि पत्रकारिता विषय पर चल रहे चार दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ रत्नेश कुमार झा ने कही. निदेशक डॉ झा ने प्रतिभागियों से आग्रह करते हुए कहा कि फिलवक्त किसान स्थानीय पत्रकारिता के माध्यम से विवि के तकनीकों एवं उन्नतशील नवीनतम प्रभेद के बीजों से अवगत हो रहे हैं. कृषि पत्रकारिता से तो विशेषरूप से कृषि पर आधारित ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. निलोखिरी के वैज्ञानिक डा अजय कुमार ने कहा कि आप सभी अगले प्रशिक्षण में नए टॉपिक पर ज्ञानवर्धन करने के उद्देश्य से नीलोखिरी पहुंचकर भाग लें. वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार रोहिला ने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का फीडबैक लिया. संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रसार शिक्षा उप निदेशक सह ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर डॉ बिनीता सतपथी ने किया. मौके पर मास मीडिया बामेती नीलम गौर के अलावा प्रतिभागियों में सुरेश, सूरज सहित विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में पदस्थापित एसएमएस सहित पीजी के छात्र-छात्रा थे.
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