समस्तीपुर. सदर अस्पताल सभागार में बुधवार को यक्ष्मा नियंत्रण के लिए दो सत्रों में कम्युनिटी वॉलंटियर्स व रुरल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ. ममता एचआइएमसी के जिला समन्वयक प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में ग्रामीण चिकित्सक व सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टीबी के लक्षण, बचाव और नियंत्रण के लिए उपलब्ध सरकारी सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी. मौके पर टीबी फोरम के सदस्य राजीव गौतम ने कहा कि यक्ष्मा माइकोवैक्ट्ररियम टुयूबर क्लोसिस नामक कीटाणु से होने वाला एक संक्रामक बीमारी है. भारत में हर वर्ष करीब 20 लाख लोग इससे पीडि़त होते हैं. प्रगति आदर्श सेवा केंद्र के सचिव संजय कुमार बबलू ने कहा कि टीबी का मुख्य लक्षण दो सप्ताह से अधिक अवधि से होने वाली खांसी है. ऐसा होने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मुक्त बलगम की जांच करानी चाहिए. टीबी की पुष्टि होने पर डॉट्स का कोर्स पूरा करना चाहिए. यही टीबी का पक्का इलाज है. कार्यशाला में डा. विजेंद्र कुमार, अरुण कुमार मेहता, अनुपम कुमारी, प्रतिभा कुमारी, रुपा कुमारी, मो. इजहार, दिनेश कुमार सिंह, रंजीत कुमार, अश्विनी कुमार, रमेश कुमार, रेखा कुमारी, अखिलेश सिंह, मनीष मिश्रा, विजय कुमार, संजय कुमार, रीतेश कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे.
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डॉट्स का पूरा कोर्स टीबी का पक्का इलाज
समस्तीपुर. सदर अस्पताल सभागार में बुधवार को यक्ष्मा नियंत्रण के लिए दो सत्रों में कम्युनिटी वॉलंटियर्स व रुरल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ. ममता एचआइएमसी के जिला समन्वयक प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में ग्रामीण चिकित्सक व सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टीबी के लक्षण, बचाव और नियंत्रण के लिए उपलब्ध सरकारी सुविधाओं […]
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