मोरवा. नीलगाय के आतंक से आजिज किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है. अपनी फसल की दुर्दशा को देख किसान कलेजा पीट रहे हंै. नीलगाय एवं बनैया सूअर के आतंक से कोई गांव अछूता नहीं है. प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष जय किशुन राय ने कहा कि किसान अपनी बेबसी किससे कहे. फसलों की इस कदर बरबादी किसानों से सहन नहीं हो रही है. किसानों के अनुसार करीब पांच सौ की झुंड में नीलगाय निकलता है. रास्ते में पड़ने वाले सभी तरह के फसलों को बरबाद करते निकल जाता है. इसका आतंक ऐसा है कि कोई किसान भय से रात्रि में खेतों की ओर नहीं निकल पाते है. कुछ किसान ऊंचा मचान बनाकर रात भर टीन पीटकर रतजगा करते है. खासकर सब्जी की खेतों को यह जानवर अपना निशाना बनाता है. इतनी बड़ी झुंड जब तंबाकू के खेतों में दौड़ लगाता है तो किसानों का कलेजा फटने लगता है. प्रखंड क्षेत्र के लिए यह बीमारी लाइलाज होता जा रहा है. किसानों को समझ में नही आता है कि इससे कैसे निबटा जाये. किसानों द्वारा इसके लिए स्थानीय से लेकर जिला प्रशासन तक के दरवाजे खटखटाये गये. लेकिन कोई उपाय अबतक नहीं किया जा सका है. अपनी फसल बचाने के चक्कर में कई किसान नीलगाय के हमले से घायल हो चुके हंै. बीससूत्री अध्यक्ष ने बताया कि अगर प्रशासन इस तरफ कोई कारगर कदम नहीं उठाता है तो किसान इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन चलायेंगे.
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नीलगाय के आतंक से किसान परेशान
मोरवा. नीलगाय के आतंक से आजिज किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है. अपनी फसल की दुर्दशा को देख किसान कलेजा पीट रहे हंै. नीलगाय एवं बनैया सूअर के आतंक से कोई गांव अछूता नहीं है. प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष जय किशुन राय ने कहा कि किसान अपनी बेबसी किससे कहे. फसलों की इस […]
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