दी अधिनियम की विस्तृत जानकारी सहरसा . जिले के सतरकटैया प्रखंड के के धीना गांव से चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर बाल विवाह होने की गुप्त सूचना प्राप्त होते ही सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में सोमवार संध्या में स्थल जांच की गयी. स्थलीय जांच में सूचना सही पाये जाने के कारण प्रखंड विकास पदाधिकारी सतरकटैया, थानाध्यक्ष बिहरा व अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सदर को इसकी सूचना पत्र के माध्यम से दी गयी. जिसके बाद जिला समन्वयक चाइल्ड हेल्प लाइन एवं चाइल्ड हेल्पलाइन टीम, थानाध्यक्ष, बिहरा, प्रखंड विकास पदाधिकारी सतरकटैया स्थल पर पहुंचकर नाबालिग लगभग 14 वर्ष बालिका का विवाह रुकवाया गया. बाल विवाह रुकवाने मौके पर पहुंची टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. काफी मशक्कत के बाद परिवार वालों एवं ग्रामीणों को समझाने बुझाने के बाद बीडीओ एवं चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक ने कानून की जानकारी एवं बाल विवाह अधिनियम के बारे मे समझाया. साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र का लड़का का शादी करना दंडनीय अपराध है, बताया गया. उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत सभी को जागरूक रहना चाहिए. इस अधिनियम के तहत कोई व्यक्ति बाल विवाह करता है या कराता है या फिर बाल विवाह में सहायता करता है तो वो भी दंड के भागी होंगे. बाल विवाह होने से सामाजिक, मानसिक एवं शारीरिक दुष्प्रभाव के बारे में समझाया गया. गांव में ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि के बीच प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक ने लड़की के अभिभावक एवं रिश्तेदार को समझा बुझाकर लड़की के 18 साल पूर्ण होने तक शादी नहीं करने को राजी कर लिया एवं इस आशय की लिखित स्वीकृति ली.
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