हॉस्पीटल के संचालक, प्रबंधक व सीएचसी सोनवर्षा की आशा पर मामला दर्ज सोनवर्षाराज नगर पंचायत सोनवर्षा स्थित श्रीराम हॉस्पीटल में किये गये इलाज के बाद 23 अप्रैल को एक गर्भवती महिला की मौत व परिजनों द्वारा हंगामे के बाद सिविल सर्जन द्वारा गठित विशेष टीम द्वारा निजी हॉस्पीटल पहुंच की गयी जांच में हॉस्पीटल फर्जी पाया गया. सीएस द्वारा जारी जांच रिपोर्ट के बाद थाना में मंगलवार को हॉस्पीटल के संचालक डाॅ गणपति कुमार, प्रबंधक मुकेश कुमार तथा सीएचसी सोनवर्षा की आशा कार्यकर्ता रूणा देवी पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी है. प्राथमिकी से उस नवजात शिशु को न्याय मिलने की आशा बढ़ गयी है, जिसकी माता को आशा व फर्जी हॉस्पीटल द्वारा चंद रूपयों के लोभ में उससे छीन लिया गया. बताते चलें कि 20 अप्रैल को सहशौल पंचायत के तीनधारा से प्रसव के लिए रबन सादा की पत्नी चंपा देवी को सीएचसी सोनवर्षा में आशा कार्यकर्ता रूणा देवी द्वारा भर्ती कराया गया था. लेकिन महिला की स्थिति गंभीर देख सीएचसी के चिकित्सक द्वारा उसे समुचित इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन इस दौरान साथ आयी आशा कार्यकर्ता रूणा देवी ने परिजनों को बरगला कर गर्भवती महिला को सोनवर्षा स्थित एक फर्जी क्लीनिक श्रीराम हाॅस्पीटल में भर्ती करा दिया. जहां के चिकित्सकों ने महिला के परिजन से करीब चालीस हजार रुपये लेकर उसका ऑपरेशन किया. जिसमें महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया. लेकिन खून की कमी की वजह से ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति गंभीर देख हॉस्पीटल प्रबंधन ने एक ऑटो पर बैठाकर परिजनों के साथ बुद्धा हॉस्पीटल भेज दिया. लेकिन वहां के चिकित्सक ने भी उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल द्वारा भी रेफर किए जान जाने के बाद महिला को सहरसा के एक निजी क्लीनिक में भर्ती करवाया गया. लेकिन 23 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया. इस तरह आशा कार्यकर्ता व फर्जी क्लिनिक के गठजोड़ में एक मां की जान चली गयी.
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