बीए पार्ट 2 का छात्र राहुल रोज सुबह पांच बजे बाइक से इस्लामिया चौक स्थित एक निजी कोचिंग में जाता था पढ़ने
सत्तरकटैया. बिहरा थाना क्षेत्र के सत्तर गांव वार्ड नंबर दो निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक मिश्रीलाल राम के 20 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार उर्फ प्रशांत कुमार की मौत गुरुवार को सड़क हादसा में हो गयी. मौत की खबर सुनते ही परिजनों में मातम छा गया. माता ललिता देवी, पिता मिश्रिलाल राम, भाई पप्पू कुमार, कुंदन कुमार, चंदन कुमार व रोहित कुमार का रो रोकर हाल बुरा हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार, राहुल बीए पार्ट 2 का छात्र था. वह रोज सुबह पांच बजे बाइक से इस्लामिया चौक स्थित एक निजी कोचिंग में पढ़ने जाता था. अन्य दिनों की तरह गुरुवार को भी बाइक से सहरसा के लिए निकला. कुहासा अधिक होने के कारण कहीं कुछ दिखाई नहीं देता था. मत्स्यगंधा मोड़ के पास जैसे ही पहुंचा, पशुपालन कॉलोनी की तरफ से सपटियाही के तरफ आ रही एक अज्ञात भारी वाहन की चपेट में आ गया और बुरी तरह से घायल हो गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद उसे सदर अस्पताल भेजा गया. जहां उनकी मौत हो गयी. मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातमी सन्नाटा छा गया. माता-पिता सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर हाल बुरा हो गया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर थाना की पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम कराने भेजा तथा मामले की छानबीन शुरू कर दी है.कुहासा के कारण हुआ हादसा
सत्तर गांव निवासी शिक्षक पुत्र राहुल कुमार के मौत का कारण कुहासा बताया जा रहा है. गुरुवार की सुबह हर तरफ घना कोहरा व भीषण शीतलहर की स्थिति थी. इस मौसम में सुबह पांच बजे बाइक से सहरसा जाना काफी कठिन कार्य था. लेकिन राहुल पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता था. वह बाइक से घर से निकल तो गया, लेकिन रास्ते में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. मत्स्यगंधा-सपटियाही मोड़ के पास जैसे ही पहुंचा, विपरीत दिशा से आ रही अज्ञात वाहन ने जोरदार ठोकर मार दी और राहुल गंभीर रूप से घायल हो गया. अज्ञात वाहन चालक भाग गया. उसने पलट कर राहुल की नाजुक स्थिति को नहीं देखा. कुहासे के कारण स्थानीय लोगों की नजर भी विलंब से पड़ी और उसे अस्पताल भेजा गया. लेकिन राहुल की जिंदगी को नहीं बचाया जा सका. इधर मौत की खबर सत्तर गांव में आग की तरह फैल गयी और पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छा गया. पांच भाई में सबसे छोटा भाई होने के कारण माता-पिता व सभी बड़े भाई राहुल को होनहार बताते थे और उसे खूब पढ़ा कर अच्छी नौकरी में भेजना चाहते थे. लेकिन उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और समय से पूर्व ही काल के गाल में समा गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

