सहरसा. कड़ाके की ठंड के बीच गुरुवार को धूप खिलने से आम लोगों को थोड़ी राहत मिली है. हालांकि सुबह में घने कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. सुबह लोग अलाव के सहारे ठंड को दूर करने का प्रयास करते रहे. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गयी. वहीं धूप खिलने से आलू उत्पादक किसानों ने राहत की सांस ली. वहीं गेहूं की फसल को बढ़ती ठंड से काफी लाभ पहुंचा है. जबकि मक्का, चना, मसूर एवं सरसों की फसल को हल्का नुकसान पहुंचा है. वहीं मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक घना कोहरा सहित ठंड बढ़ने की संभावना जतायी है. इस दौरान पछुआ हवा बहने की बात कही है.
पछुआ हवा से बढ़ी परेशानी
लगातार कड़ाके की ठंड के बीच धूप खिलने से आम लोगों को थोड़ी राहत मिली है. लेकिन पछुआ हवा के कारण ठंड में कमी नहीं हो पायी है. गरीबों के हालात जस का तस बना हुआ है. सरकारी मदद नहीं मिलने से गरीबों के सामने कठिनाई देखी जा रही है. नगर निगम की ओर से कंबल वितरण का कार्य तो किया गया जो नाकाफी है. गरीब परिवार इससे वंचित रह रहे हैं.खिली धूप से मिली राहत
गुरुवार की सुबह से ही खिली धूप से आम जनजीवन ने राहत की सांस ली है. लगातार हो रही ठंड से आम जनजीवन ठहर गया था. जिसमें धूप खिलने से सुगबुगाहट होने लगी है. लोग घरों से निकलने लगे. बाजारों में भी थोड़ी रौनक आ गयी है. पछुआ हवा के चलने से ठंड में कमी नहीं हो पायी है. इस ठंड से खासकर बूढे व बच्चों को अधिक परेशानी हो रही है. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि ठंड होने से आलू, मक्का, चना, मसूर व सरसों की फसल को थोड़ी क्षति पहुंची है. जबकि गेहूं की फसल को इस ठंड से लाभ पहुंचा है. उन्होंने बताया कि जितनी ठंड बढ़ेगी, गेहूं की पैदावार उतनी अच्छी होगी. उन्होंने कहा कि विभाग के वैज्ञानिक किसानों की हर मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

