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Saharsa News : सितंबर अंत तक मिल सकती है रेलवे बोर्ड से यार्ड रीमॉडलिंग की स्वीकृति

यार्ड रीमॉडलिंग की स्वीकृति मिलते ही सहरसा जंक्शन की तस्वीर बदल जायेगी. यह डिवीजन का सबसे बड़ा स्टेशन होगा. फाइनल रिपोर्ट इंटरेक्शन कमेटी के पास फाइनल स्टेज में है. पूर्व मध्य रेलवे के रेल महाप्रबंधक और समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम ने सहरसा जंक्शन के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी.

Saharsa News : सहरसा. अमृत भारत स्टेशन के बाद सहरसा रेलवे को दूसरी सबसे बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यात्रियों को मिलने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं के अलावा हाई लेबल प्लेटफार्म, मेन लाइन की संख्या में बढ़ोतरी होगी. रेलवे बोर्ड की इंटरेक्शन कमेटी ने यार्ड रीमॉडलिंग को लेकर दूसरी बैठक में हरी झंडी दे दी है. अब फाइनल स्टेज में प्रस्ताव कमेटी के पास है. इसे जल्द ही रेलवे बोर्ड स्वीकृति देगा. गुरुवार को सहरसा जंक्शन पहुंचे पूर्व मध्य रेलवे के रेल महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने निरीक्षण के दौरान कहा कि यार्ड रीमॉडलिंग के लिए रेलवे बोर्ड कॉर्डिनेट कर रही है. जल्द ही रेलवे बोर्ड इस मेजर प्रपोजल को स्वीकृति देगी. वहीं समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सितंबर अंत तक इस मेजर प्रपोजल को रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. रेलवे बोर्ड की तीसरी और फाइनल बैठक में इंटरेक्शन कमेटी ने सहरसा में यार्ड रीमॉडलिंग के लिए करीब 185 करोड़ की राशि की स्वीकृति जल्द ही मिल सकती है. डिवीजन से रेलवे बोर्ड द्वारा फेज वाइज फाइनल रिपोर्ट मांगी गयी है. अगले महीने रिपोर्ट भेज दी जायेगी. इसके बाद रेलवे बोर्ड इस मेजर प्रपोजल को स्वीकृति देगी. गुरुवार सुबह पाटलिपुत्र से स्पेशल ट्रेन से पूर्व मध्य रेलवे के रेल महाप्रबंधक सहरसा जंक्शन पहुंचे थे. साथ में समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव के अलावा पूर्व मध्य रेलवे के कई सीनियर अधिकारी में सीइओ कंस्ट्रक्शन राम जनम.पीसीसीएम एसके प्रसाद पीसीओएम मनोज सिंह, मुख्य ब्रिज इंजीनियर एके राय ने भी सहरसा जंक्शन का निरीक्षण किया. इसके अलावा सीनियर डीसीएम समस्तीपुर अन्यना स्मृति, सीनियर डीओएम अभिषेक विशाल, सीनियर डीएसटी राहुल देव, सीनियर डीइएनकोर्डिनेशन संजय कुमार, सीनियर डीइएन 3 सुनील कुमार, आरपीएफ कमांडेंट समस्तीपुर जेएस जानी के अलावा कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे.

यार्ड रीमॉडलिंग के बाद पूरी तरह से बदल जायेगी परिचालन व्यवस्था

यहां बता दें कि यार्ड रीमॉडलिंग के बाद सहरसा जंक्शन को जोड़ने वाली मानसी-सुपौल और पूर्णिया रेलखंड की परिचालन व्यवस्था पूरी तरह से बदल जायेगी. तीनों रेलखंड पर कोई भी ट्रेन आउटसाइड नहीं होगी. विभिन्न राज्यों को जाने वाली गुड्स ट्रेन बायपास लाइन होकर निकल जायेगी.सहरसा जंक्शन से खुलने वाली कोई भी ट्रेन विलंब नहीं होगी. फिलहाल यार्ड रीमॉडलिंग के लिए पहले से ही डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है. रेलवे बोर्ड की कमेटी प्रारंभिक चरण और दूसरे चरण में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अप्रूवल दे चुकी थी.इंटरेक्शन कमेटी की तीसरी की बैठक का इंतजार था. अब समस्तीपुर डिविजन द्वारा फेज वाइज प्लानिंग रिपोर्ट भेजे जाने के बाद जल्द ही सितंबर अंत तक इस प्रपोजल को रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिल जायेगी.

10 प्लेटफार्म के अलावा 15 नयी लाइनें मिलेंगी, विभिन्न राज्यों के लिए चलेंगी ट्रेनें

अगर इस प्रपोजल को रेलवे बोर्ड स्वीकृति देती है तो वर्तमान में सहरसा जंक्शन पर कुल सात लाइनें है. इसके अलावा पांच प्लेटफार्म हैं. करीब 38 से 40 जोड़ी मेल एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है.रीमॉडलिंग के बाद सहरसा जंक्शन को पांच नये प्लेटफार्म और 8 नयी लाइन की सौगात मिलेगी. इसके बाद सहरसा जंक्शन पर 10 प्लेटफार्म और 15 लाइनें होंगी. इससे काफी संख्या में ट्रेनों का परिचालन हो सकेगा. गुड्स रैक के लिए दो अतिरिक्त प्लेटफार्म अलग से बनायेजायेंगे. कोसी क्षेत्र से गेहूं, मक्का सहित कई अन्य खाद्य पदार्थ दूसरे राज्य और नेपाल, बांग्लादेश सहित विदेशों में भेजे जाते हैं. गुड्स रैक के निर्माण से गुड्स ट्रेनों को आने जाने में काफी सहूलियत मिलेगी. 10 नये प्लेटफार्म के निर्माण के बाद सहरसा जंक्शन से परिचालन व्यवस्था पूरी तरह से बदल जायेगी. लंबी दूरी की कई ट्रेनों की सौगात सहरसा जंक्शन को मिलेगी. विभिन्न राज्यों के रेल नेटवर्किंग के क्षेत्र से सहरसा जंक्शन जुड़जायेगा.

रेल महाप्रबंधक ने दो घंटे से अधिक किया निरीक्षण

सुबह 11:35 पर पूर्व मध्य रेलवे के रेल महाप्रबंधक के अलावा समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम सहरसा जंक्शन पहुंचे थे. करीब 2 घंटे से अधिक सहरसा जंक्शन का निरीक्षण किया.सहरसा जंक्शन उतरते ही सर्वप्रथम अमृत भारत योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्य सहित नये भवन का निरीक्षण किया.

प्रस्तावित ट्रेनों को जल्द ही रेलवे बोर्ड देगा मंजूरी

सहरसा से लंबी दूरी की कई ट्रेनें प्रस्तावित हैं. इसमें मुख्य रूप से सहरसा-पुणे और सहरसा-बेंगलुरु सुपरफास्ट ट्रेन शामिल है. रेल महाप्रबंधक ने कहा कि लंबी दूरी की जो ट्रेनें फिलहाल प्रस्तावित हैं, जल्द ही उसको हरी झंडी मिलेगी. इसके अलावा दूसरे वाशिंग पिट का जो भी निर्माण कार्य चल रहा है, अध्ययन किया जा रहा है. जल्द ही उसे पूरा करने का एजेंसी को निर्देश दिया जायेगा. दो महीने के अंदर पूरा करने का निर्देश जारी किया जायेगा.

संस्कृति धरोहर की कलाकृति से सजेगा सहरसा जंक्शन

रेल महाप्रबंधक ने सर्कुलेटिंग एरिया के निरीक्षण के दौरान कहा कि स्टेशन भवन के काम में गुणवत्ता में कोई कमी नहीं रहने दी जा रही है. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को अच्छी अनुभूति होगी. यात्रियों को पूरी तरह से सहरसा जंक्शन पर नयी सुविधा उपलब्ध होगी. डीआरएम ने कहा कि सहरसा की सांस्कृतिक कलाओं से सर्कुलेटिंग एरिया सजेगा. लोकल आर्ट को बढ़ावा दिया जायेगा. सर्कुलेटिंग एरिया में सहरसा की संस्कृति से उकेरी जायेगी. साथ ही सहरसा की संस्कृति की स्मृतियां भी लगायीजायेगी. वहीं 29 अगस्त 1942 को सहरसा में चांदनी चौक के पास 6 शहीदों के सवाल पर रेल महाप्रबंधक ने कहा कि शहीदों को भी रेलवे सम्मान देगा. ऐतिहासिक धरोहर में शहीद को भी शामिल किया जायेगा.

कार्यक्रम में रहे सहरसा के अधिकारी शामिल

निरीक्षण के दौरान आरपीएफ इंस्पेक्टर वंदना कुमारी, स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार, दिनेश कुमार, टीआइ किशोर कुमार गुप्ता, सुभाष चंद्र झा, संजीव मनी चौधरी, सहायक मंडल इंजीनियर किशोर कुमार भारती, सीनियर सेक्शन इंजीनियर सुनील कुमार, रेल मंडल चिकित्सा पदाधिकारी सहरसा डॉ अनिल कुमार, ओम कंस्ट्रक्शन के गुड्डू सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे.

महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेल को एमएलसी ने सौंपा 17 सूत्री मांग पत्र

सहरसा. महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेल हाजीपुर छत्रसाल सिंह के गुरुवार को सहरसा स्टेशन पहुंचने पर कोसी क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ अजय कुमार सिंह ने उनका अभिवादन किया. साथ ही क्षेत्र के लोगों की असुविधा को देखते विकास को लेकर 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि रेल महाप्रबंधक के आगमन की सूचना से जिले वासियों को रेल विकास के क्षेत्र में एक उम्मीद जगीहै. वे बिहार विधान परिषद में कोसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं एवं यह क्षेत्र रेल नेटवर्क की दृष्टि से पिछड़ेपन का शिकार है. शहर के बंगाली बाजार ढाला समपार संख्या 31 स्पेशल पर आरओबी निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए बिहार सरकार के स्तर पर बातचीत कर निर्माण कार्य शुरू कराएं. जिससे शहर को जाम की समस्या से निजात मिल सके. दूसरे वाशिंग पिट के निर्माण की बाधा को दूर करते बचा हुआ काम तेजी से पुरा कराया जाये.गाड़ी संख्या 12149/12150 पुणे-दानापुर एक्सप्रेस का सहरसा तक विस्तारीकरण का फिजिबिलिटि अध्ययन हो चुका है इसका विस्तार संभव है. इसके विस्तार का प्रस्ताव शीघ्र रेलवे बोर्ड को भेजा जाये. पुणे के लिए सर्वाधिक बुकिंग इसी क्षेत्र से होती है एवं राजस्व दानापुर स्टेशन के खाते से जोड़ा जाता है.गाड़ी संख्या 22351/52 पाटलिपुत्र-बंगलुरू एक्सप्रेस का सहरसा तक एक्सटेंशन का प्रस्ताव सात फरवरी 2023 से रेलवे वोर्ड में लंबित है. पटना से सहरसा के लिए रात्रिकालीन ट्रेन चलायी जाये. 12 जून 2005 को बड़ी रेल लाईन से जुड़ने के 19 साल बाद भी यह जनपयोगी मांग लंबित है. प्रस्तावित सहरसा-भागलपुर नई इंटरसिटी एक्सप्रेस चलायी जाये. कोटा-पटना एक्सप्रेस का एक्सटेंशन सहरसा तक किया जाये. सुपौल एवं मधेपुरा से सीधी ट्रेन पटना एवं नई दिल्ली के लिए चलायी जाये.सिमरी बस्तियारपुर, बिहारीगंज नयी रेल लाइन का सर्वे कराते कार्य शुरू कराया जाये.सहरसा स्टेशन के मुख्य द्वार के समीप पटना की तर्ज पर पुराने रेल इंजन को स्थापित किया जाये.सहरसा स्टेशन पर वातानुकूलित प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, एक्सेलेटर एवं बचे हुए प्लेटफॉर्म पर आवाजाही के लिए लिफ्ट की सुविधा बहाल की जाये. शहर के बंगाली बाजार रेल समपार फाटक के अतिरिक्त शिवपुरी वाला, हटिया गाछी ढ़ाला, पोलिटेक्निक ढ़ाला एवं कचहरी दाला पर ट्रैफिक लोड व फिजिबलिटी अध्ययन के बाद आरओबी, निर्माण कराया जाये.सहरसा मानसी रेलखंड का दोहरीकरण जनहित में आवश्यक है. ताकि ट्रेनों का परिचालन निर्बाध हो सकेगा.

पूर्व विधायक ने रेल विकास को लेकर सौंपा 13 सूत्री मांगपत्र

सहरसा. रेल महाप्रबंधक हाजीपुर के गुरुवार को सहरसा जंक्शन निरीक्षण के लिए पहुंचने पर पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने उनसे मिलकर स्टेशन के उत्तरोत्तर विकास को लेकर मांग पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि सहरसा शहर के बंगाली बाजार ढाला समपार संख्या 31 स्पेशल पर आरओबी निर्माण की बाधाओं को दूर करते जल्द काम शुरू करायें. जिससे लोगों को जाम से निजात मिले. शहर के अन्य अतिव्यस्त रेलवे ढाला कचहरी ढाला, शिवपुरी ढाला, पॉलिटेक्निक ढाला एवं हटियागाछी ढाला पर भी ओवरब्रिज का निर्माण हो. शहर के गंगजला ढाला पर सुस्त रफ्तार से चल रहे लाइट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य तेजी से जल्द पूरा कराने की मांग की. स्टेशन पर एसी प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, एस्केलेटर, बचे प्लेटफॉर्म पर आवाजाही के लिए लिफ्ट की सुविधा बहाल करने, दूसरे वाशिंग पिट के निर्माण की बाधा को दूर करते बचा काम तेजी से पूरा कराने की मांग की. जिससे सहरसा-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन की सुविधा कोसी क्षेत्र के लोगों को मिले. उन्होंने दानापुर-पुणे 12149/50 एवं पाटलिपुत्र-बेंगलुरु 22351/52 का विस्तार सहरसा तक करने, सहरसा से जयपुर, कोटा, हावड़ा, जम्मू कश्मीर, बनारस, बंगलोर, चेन्नई के लिए ट्रेन चलाने, प्रस्तावित सहरसा भागलपुर नयी इंटरसिटी एक्सप्रेस चलाने, सहरसा स्टेशन को दरभंगा की तरह बजट राशि देकर वर्ल्ड क्लास का स्टेशन बनाने, सहरसालहेरियासराय नयी लाइन के लिए फंड देते हुए काम शुरू कराने, सिमरी बख्तियारपुर बिहारीगंज से कुरसेला एवं मधेपुरा सिहेंश्वर वीरपुर नई रेल लाइन का निर्माण शुरू कराने, सहरसा स्टेशन एवं गंगजला से रेलवे रैक प्वाइंट को हटाकर दूसरी जगह स्थांतरित कराने की मांग की. ताकि निरंतर जाम की समस्या से निजात मिल सके एवं स्थानीय लोगों की धूल कण से हो रही परेशानी खत्म हो सके. उन्होंने सहरसा से मांनसी, सहरसा से फारबिसगंज, सहरसा से पूर्णियां रेल लाइन के दोहरीकरण की मांग की.

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