जिले में अबतक 12315 महिलाओं ने मंच पर अपने अनुभव एवं सुझाव किये हैं साझा सहरसा . जिले में संचालित महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव की नई कहानी लिख रही है. यह कार्यक्रम ना केवल महिलाओं को अपनी समस्याएं एवं विचार साझा करने का अवसर दे रहा है. बल्कि उन्हें समाज में अपनी भूमिका एवं अधिकारों के प्रति जागरूक भी कर रहा है. महिलाओं ने इस मंच का उपयोग घरेलू हिंसा, शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता, रोजगार के अवसरों की कमी एवं सामाजिक भेदभाव जैसी समस्याओं को सामने लाने के लिए किया है. इसके साथ ही उन्होंने समाधान के लिए रचनात्मक सुझाव भी दिए हैं. सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड की सोनपुरा पंचायत की सुलिना देवी ने सेनेटरी नैपकिन निर्माण इकाई की स्थापना का सुझाव दिया. जिससे महिलाओं को रोजगार के साथ स्वास्थ्य एवं स्वच्छता में सुधार होगा. कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने सामुदायिक भवन, खेल मैदान, जीविका भवन, लघु उद्योगों की स्थापना, गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने, सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता एवं सौर ऊर्जा आधारित बिजली जैसे विषयों पर अपनी मांगें रखी. साथ ही ऋण पर ब्याज दर में छूट एवं सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की. महिला संवाद ने महिलाओं में आत्मविश्वास एवं नेतृत्व क्षमता का संचार किया है. महिलाएं अब केवल लाभार्थी नहीं रह गयी है. बल्कि वे सामाजिक बदलाव की वाहक बन गयी हैं. वे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, नशा मुक्ति एवं घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर ना केवल जागरूकता फैला रही हैं. बल्कि सामुदायिक नेतृत्व में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. जिले में पिछले 18 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम में अब तक सहरसा जिले के 516 ग्राम संगठनों में 12 प्रचार रथों के माध्यम से महिला संवाद का आयोजन हो चुका है. 22वें दिन शुक्रवार तक 1.3 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया. जिसमें से 12,315 महिलाओं ने मंच पर अपने अनुभव एवं सुझाव साझा किये हैं. यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है.
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