पूर्ववर्ती छात्रों ने अनुभव साझा करते संस्थान के विकास का की सराहना सहरसा . राजकीय पॉलिटेक्निक में संस्थान का प्रथम एलुमनी मीट शनिवार को हर्षोल्लास व गरिमा के साथ संपन्न हुआ. इस आयोजन के साथ ही यह संस्थान बिहार का दूसरा ऐसा तकनीकी संस्थान बन गया जिसने अपने पूर्व छात्रों को एक मंच पर लाकर यह प्रेरणादायक पहल की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संस्थान व पूर्व छात्रों के बीच स्थायी संवाद, आपसी सहयोग एवं अनुभवों के आदान-प्रदान की एक सशक्त कड़ी स्थापित करना है. पूर्व छात्रों द्वारा संस्थान के विकास में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना, वर्तमान छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करना, औद्योगिक व तकनीकी बदलावों से जोड़ना इस मीट का प्रमुख लक्ष्य है. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. इसके बाद छठे सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं चंद्रमणि कुमारी, शनि कुमार एवं अभिषेक कुमार द्वारा मधुर स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. वहीं द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा काजल कुमारी ने अपनी कविता पाठ से मौजूद जन-समुह को मंत्र मुग्ध कर दिया. कार्यक्रम का संचालन प्रो सिद्धांत, प्रो शुभम ने कुशलतापूर्वक किया. उन्होंने समस्त कार्यक्रम को उत्कृष्ट संयोजन के साथ आगे बढाया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य डॉ अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस आयोजन से यह स्पष्ट है कि राजकीय पॉलिटेक्निक सहरसा ना केवल तकनीकी शिक्षा में अग्रणी है. बल्कि अपने छात्रों के साथ आजीवन संबंध बनाए रखने की भावना में भी उत्कृष्ट है. पूर्व छात्रों का अनुभव आज के छात्रों के लिए एक मार्गदर्शन की तरह है. संस्थान के प्राचार्य प्रो मिथुन कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते कहा कि यह आयोजन हम सब के लिए गौरव का क्षण है. एलुमनी मीट के माध्यम से अपने पूर्व छात्रों के अनुभवों से वर्तमान छात्रों को लाभांवित करना चाहते हैं. इस तरह के कार्यक्रम संस्थान के विकास में अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं. कार्यक्रम की एक विशेष उपलब्धि यह रही की 1966 से 2024 तक के विभिन्न बैचों के सभी पूर्व छात्रों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया. साथ ही विधान परिषद सदस्य डॉ अजय कुमार सिंह को भी संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को लक्ष्मण मिश्रा, बुद्धदेव प्रसाद, मेजिशियन बीडी वर्मा, सुशील कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पूर्व छात्रों ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए संस्थान के विकास की सराहना की. उन्होंने कहा कि संस्थान ने हमें ना सिर्फ तकनीकी शिक्षा दी. बल्कि सोचने का नजरीया, आत्मबल एवं जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता भी दिखाया. आज यहां आकर ऐसा लग रहा है मानो फिर से विद्यार्थी जीवन में लौट आए हों. कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट अधिकारी प्रो धर्मेन्द्र, प्रो सौरव, प्रो रिशु, प्रो लक्ष्मी, प्रो घनश्याम, प्रो पंकज, प्रो सीवी, प्रो कुल शेखर, प्रो सारिका, प्रो श्वेता, प्रो आरती, प्रो ज्योति, प्रो नीना, प्रो दीपशिखा, प्रो मिथिलेश, प्रो ओमकार, प्रो संजय, प्रो कलाम अली, प्रो अंजु सहित अन्य व्याख्याताओं के साथ सभी कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह एलुमनी मीट न केवल एक कार्यक्रम था बल्कि संस्थान और छात्रों के रिश्तों को सुदृढ करने की दिशा में एक सशक्त पहल थी. जो आने वाले वर्षों में संस्थान को नई उंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगी.
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