सचिव ने आरओबी निर्माण को लेकर पूर्व मध्य रेलवे के पदाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
सहरसा. पथ निर्माण विभाग सचिव पंकज कुमार पाल ने मंगलवार को राज्य में आरओबी के निर्माण कार्यों को लेकर रेलवे के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने 55 आरओबी के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली एवं निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. इस समीक्षा बैठक से आरओबी के निर्माण में प्रगति एवं राज्य में सड़क व रेल यातायात अधिक सुरक्षित तथा बाधा रहित होगी. समीक्षा बैठक में पूर्व मध्य रेलवे के सीई, आरएसडब्लू प्रमोद कुमार, डिप्टी सीई, ब्रिज डिजाइन डीएस श्रीवास्तव, डिप्टी सीई, आरएसडब्लू डीपी सिंह, एडीआरएम, डीएनआर संजीव कुमार, एडीआरएम, एसपीजे सन्नी सिन्हा सहित पथ निर्माण विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे. जिसमें बख्तियारपुर-ताजपुर अथमलगोला-बख्तियारपुर परियोजना, सिक्स लेन गंगा ब्रिज चकसिकंदर-देसारी परियोजना, मीठापुर महुली परियोजना के सिपारा गुमटी, मानसी-फन्गो हॉल्ट के निकट सिमरी बख्तियारपुर रोड एसएच 95, गया-राजगीर-बिहारशरीफ एनएच 82, सहरसा बाईपास आरओबी, नवादा बाईपास आरओबी, हिल्सा बाइपास आरओबी की समीक्षा की गयी.सचिव ने राज्य के संसाधन से बन रहे बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप आरओबी, पोटाही-डुमरी आरओबी, जयनगर स्टेशन के पास आरओबी, हरनौत रेल फैक्ट्री आरओबी एवं सहरसा में बंगाली बाजार आरओबी की भी विस्तृत समीक्षा की एवं संबंधित परियोजन से जुड़ी बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया. इसके अलावा एमओयू के तहत पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधीन 32 आरओबी का निर्माण किया जाना है. सचिव के द्वारा बिंदूवार 32 आरओबी की भी गहन समीक्षा की गयी. इसके अतिरिक्त 14 आरओबी के पहुंच पथ का कार्य पथ निर्माण द्वारा किया जाना था. जिसमें से नौ आरओबी कार्य पूर्ण है. जबकि पांच आरओबी का कार्य प्रगति पर है. सचिव पंकज पाल ने डिजाइन पूर्व मध्य रेलवे द्वारा अप्रूवल में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त करते शीघ्र अप्रूवल सुनिश्चित करने के निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अप्रूवल में विलंब से परियोजना में अनावश्यक देरी होती है. रेलवे के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने पर भी जोर दिया. आरओबी निर्माण से ना केवल यात्रियों का समय बचेगा. बल्कि राज्य की सड़कों पर आवागमन अधिक सुरक्षित एवं सुगम होगा. रेलवे फाटकों पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी, जिससे यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार आयेगा.
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