24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संतों की वाणियों को पढ़ने से संतों का एक मेल होता है मालूम

संतों की वाणियों को पढ़ने से संतों का एक मेल होता है मालूम

सहरसा . नगर के आठवे वार्षिक सप्तदिवसीय ध्यान-साधना शिविर व सत्संग कार्यक्रम शहर के गांधी पथ स्थित संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित किया गया. सत्संग में 24 फरवरी से 26 फरवरी तक पूज्यपाद स्वामी धैर्यैनंद महाराज, स्वामी नवल किशोर बाबा का प्रवचन हुआ. 27 फरवरी से रविवार तक पूज्यपाद स्वामी रामलाल ब्रहाचारी महाराज, प्रेमानंद बाबा व अन्य साधु-महात्मा का प्रवचन हुआ. ध्यान-साधना शिविर में प्रवचन करते स्वामी रामलग्न ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि हमारे गुरु महाराज ने कहा था कि संतों की वाणियों को पढ़ो, यह भी सत्संग है. दूर-दूर पर लोग रहते हैं, चिट्ठी से बातचीत होती है. चिट्ठी को आधी मुलाकात कहते हैं. संत-वचन अमृत-वचन है. इसके सहारे बिना अमृत पद को कौन पा सकता है. परमात्मा बुद्धि के परे है. स्वामी महेशानंद बाबा ने कहा कि कई संतों के वचन पढ़ने का अर्थ यह है कि सभी संतों की वाणियों को पढ़ने से संतों का एक मेल मालूम होता है. ग्रंथों को पढ़कर समय टाला नहीं जाता. इस अवसर पर प्रत्येक दिन एक -एक घंटा का सामूहिक ध्यानभ्यास कार्यक्रम के साथ दो पाली मे सत्संग-प्रवचन एवं संध्याकाल मे भजन कीर्तन का आयोजन हुआ.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें