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बदतर हैं सड़कें, सावधानी से रखें कदम

गतिरोध. शहर के अमूमन सभी रोड हैं खराब, रख-रखाव पर नहीं दिया जा रहा ध्यान शहर की खराब सड़कों की अोर स्थानीय जनप्रतिनिधि उदासीन हैं. इसे ठीक करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही. इस वजह से दुर्घटनाअों में बढ़ोतरी हुई है. सहरसा : शहर की जर्जर सड़कों के कारण लोगों को […]

गतिरोध. शहर के अमूमन सभी रोड हैं खराब, रख-रखाव पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

शहर की खराब सड़कों की अोर स्थानीय जनप्रतिनिधि उदासीन हैं. इसे ठीक करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही. इस वजह से दुर्घटनाअों में बढ़ोतरी हुई है.
सहरसा : शहर की जर्जर सड़कों के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण विभाग के अभियंताओं को ज्ञापन देकर जर्जर सड़कों की मरम्मत करवाने की मांग कई बार की है. ज्ञात हो कि कचहरी चौक से कोसी चौक, रिफ्यूजी चौक से नया बाजार, मारुफगंज मोड़ से स्टेशन व प्रशांत सिनेमा रोड से रहमान चौक तक की सड़क जर्जर है. सड़क पर बने गहरे गड्ढे के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. जर्जर सड़क की मरम्मत करवाये जाने की मांग विभागीय अभियंताओं व जनप्रतिनिधियों से कई बार की जा चुकी है,
लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शहर के रिफ्यूजी चौक से सराही मोहल्ला होते नया बाजार तक जाने वाली सड़क पर चलना किसी सजा से कम नही है. इस सड़क पर चलने से पहले लोगों के यात्रा का जायका बिगड़ जाता है. सड़कों पर आवागमन कर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बदहाल सड़कों को सुधारने की सरकारी कवायद दम तोड़ती नजर आ रही है. हालांकि नये सड़क बन तो रहे हैं, लेकिन पुरानी सड़कें और भी पुरानी होती जा रही है.
नब्बे के दशक में जर्जर व गड्डों में तब्दील सड़क के लिए सूबे में पहचान बनाने वाली सहरसा की सड़क फिर पुरानी पहचान को कायम रखने की ओर बढ़ रही है. बीते दस साल में शहरी क्षेत्रों में जिन सड़कों का निर्माण हुआ था, वह पुन: गड्डों में बदल चुकी है. राहगीरों सहित वाहन चालकों को आवागमन के समय मुख्य सड़कों पर भी गड्डों में सड़क ढूंढने की मजबूरी बनी हुई है.
रोजाना हो रही दुर्घटना: जर्जर सड़क होने की वजह से भारी वाहनों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है, वहीं बाइक सवार व ऑटो सवार रोजाना इन जगहों पर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. रिफ्यूजी चौक के समीप दुर्घटना होने से दर्जनों लोग जख्मी हो चुके हैं. इसके बावजूद स्थानीय विभाग व जनप्रतिनिधि सड़क निर्माण की गुणवत्ता की अनदेखी कर रहे हैं.
बदहाल रह गयी सोना मंडी: सर्राफा बाजार व सोना मंडी के रूप में मशहूर प्रमंडलीय मुख्यालय के स्टेशन रोड व सब्जी मंडी रोड में रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है. लेकिन इन बाजार की सड़कें पैदल चलने के भी काबिल नहीं है. उक्त जगहों से सड़क का नामोनिशान मिट चुका है. सिर्फ गड्ढे ही बाकी है. स्थानीय व्यवसायी बताते हैं कि उनलोगों द्वारा सरकार को सभी प्रकार के करों का भुगतान किया जाता है. इसके बावजूद सुविधा नदारद है. ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा लगन से पूर्व सड़क निर्माण का आश्वासन दिया गया था. लेकिन विवाह की तिथि शुरू होने के बावजूद बाजार की हालत नहीं सुधर सकी.
लोगों की जरूरत है स्टेशन रोड : स्टेशन रोड में ज्वेलरी की लगभग दो दर्जन से अधिक दुकानें हैं. जेवरात की पुरानी मंडी होने की वजह से जिला ही नहीं सुपौल व मधेपुरा के ग्राहक भी खरीदारी के लिए इस बाजार का रुख करते हैं. ग्राहक सुमित बताते हैं कि स्टेशन रोड की सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि दुकान के बाहर गाड़ी खड़ी करने में भी दिक्कत होती है. ग्राहक चार पहिया वाहन से आते हैं लेकिन जर्जर सड़क की वजह से गाड़ी दूर खड़ी कर देते हैं.
दुर्घटनाअों में हुआ है इजाफा, मरम्मत के नहीं दिख रहे आसार
यहां सड़क नहीं गड्डा है
शहरी क्षेत्र के बस स्टैंड, रिफ्यूजी चौक, प्रशांत मोड़, रहमान चौक, पंचवटी, कोसी चौक, नरियार रोड के समीप सड़क की स्थिति अत्यधिक खराब है. इन जगहों पर विभाग द्वारा अब तक मरम्मत भी नहीं की गयी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन लोगों के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक कई बार गुहार लगायी जा चुकी है. इसके बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है.

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