पल्लव हत्याकांड . न्यायालय ने सीआइडी को दिये निर्देश
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छह माह में न्याय की उम्मीद
पल्लव हत्याकांड . न्यायालय ने सीआइडी को दिये निर्देश वर्ष 2014 के 20 सितंबर को शहर के कायस्थ टोला में घटित पल्लव मर्डर मिस्ट्री दो साल बीतने के बाद भी अनसुलझी है. सहरसा : शहर के चर्चित पल्लव हत्याकांड मामले में मृतक के भाई पावस झा द्वारा हाई कोर्ट में दायर रिट में मुख्य न्यायाधीश […]
वर्ष 2014 के 20 सितंबर को शहर के कायस्थ टोला में घटित पल्लव मर्डर मिस्ट्री दो साल बीतने के बाद भी अनसुलझी है.
सहरसा : शहर के चर्चित पल्लव हत्याकांड मामले में मृतक के भाई पावस झा द्वारा हाई कोर्ट में दायर रिट में मुख्य न्यायाधीश आइए अंसारी के निर्देश के बाद अगले छह माह में परिजनों को न्याय की उम्मीद जगी है. बीते तीन अक्तूबर को सुनाये निर्णय में न्यायाधीश ने कहा कि सहरसा पुलिस ने मामले को सत्य पाया था.
जिसके बाद सीआइडी ने मामले की अनुसंधान की जिम्मेवारी ली. लेकिन अभी तक अनुसंधान लंबित है. न्यायाधीश ने छह माह के अंदर मामले की निष्पक्ष व प्रभावी जांच का निर्देश दिया है. मालूम हो कि हत्या के बाद मामला हाइप्रोफाइल हो जाने के बाद सहरसा पुलिस अनुसंधान शुरू कर मामले को हत्या बता नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट प्राप्त कर चुका था कि मामला सीआइडी के पाले में चला गया.
अनसुलझा है मामला
सीआइडी के पाले में जाने के बाद इंस्पेक्टर निशार अहमद के नेतृत्व में टीम ने कई बार घटना स्थल पहुंच अपनी जांच प्रारंभ की थी. लेकिन दो साल होने के बाद भी मामला अनसुलझा ही है. बीते माह अनुंसधान के दौरान मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर वार्ड नंबर 26 निवासी बिजली मिस्त्री रज्जाक मियां व कुर्बान मियां को संदेह के घेरे में लिया गया है. उन्होंने बताया था कि इन दोनों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन दोनों उपस्थित नहीं हुए थे.
तत्कालीन एसपी ने की थी हत्या की पुष्टि
तत्कालीन एसपी पंकज सिन्हा ने इसे हत्या मानते नामजद आरोपी बुलेट कुमार, रॉकेट कुमार, कुंदन रजक, मंटू यादव व टुनटुन यादव की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया था. गिरफ्तारी नहीं होने पर आरोपियों के घर की कुर्की जब्ती करने का भी निर्देश आइओ को दिया था. पुलिस अधीक्षक को पटना से भेजी गयी एफएसल रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि की गयी थी. इसमें विस्तार से संभावित घटनाक्रम के बारे में बताया गया था. घटना के बाद शहर में सड़क जाम सहित कई अहिंसक आंदोलन भी हुए थे.
विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पंकज सिन्हा ने बताया था कि घटना के बाद मृतक का बिसरा जांच के लिए एफएसएल भेजा गया था. जहां जांच के दौरान बिसरा में इथाइल अल्कोहल के साथ मिथाइल अल्कोहल पाये जाने का भी उल्लेख किया गया है. उन्होंने बताया था कि इथाइल अल्कोहल शराब का मुख्य अंश है. जबकि मिथाइल अल्कोहल जहरीला पदार्थ है. उन्होंने बताया कि मिथाइल अल्कोहल का मिलना इस बात की पुष्टि करता है कि मृतक पल्लव झा द्वारा जिस शराब का सेवन किया गया था. उसमें मिथाइल अल्कोहल को अलग से मिलाया गया था.
घटना एक नजर
20 सितंबर 2014 : पल्लव की हत्या
21 सितंबर 2014 : आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी व एसपी द्वारा फारेंसिक जांच के आदेश
22 सितंबर 2014 : फारेंसिक टीम आयी, पीओ रिपोर्ट में होमीसाइडल हैंगिंग की पुष्टि
15 नवंबर 2014 : भेजा गया भेसरा रिपोर्ट, जहर देने की हुई पुष्टि
09 जनवरी 2015 : आरोपियों के मोबाइल सीडीआर से एक जगह होने की व हिस्टोपैथोलोजिकल रिपोर्ट में हत्या की पूरी पुष्टि
जनवरी 2015 : एसपी ने आइओ को दिये आरोपियों की गिरफतारी के आदेश
अप्रैल 2015 : डीजीपी ने सीआइडी को सौपा जांच का जिम्मा
मई 2015 : सीआइडी की टीम पहली बार पहुंची सहरसा
सितम्बर 2016 : सीआइडी की टीम दूसरी बार पहुंची सहरसा
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