सहरसा : बाल विकास परियोजना के डीपीओ डॉ मुनी दास द्वारा सोमवार को शहरी क्षेत्र के कई आगंनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान केंद्रों की वास्तविक स्थिति देख डीपीओ भी सन्न रह गये. कई केंद्र जहां बंद पाये गये, वहीं कई केंद्रों पर बच्चे नदारद थे. केंद्र संख्या 18, 19 व 20 पर बच्चों की उपस्थिति कम पायी गयी. केंद्र संख्या 18 पर सेविका प्रमीला कुमारी द्वारा 36 बच्चों की उपस्थिति बनायी गयी थी.
जबकि मात्र दस बच्चे ही मौजूद थे. केंद्र संख्या 51 व 52 बंद पाया गया. केंद्र संख्या 52 की सेविका पिंकी कुमारी ने बताया कि भवन टूटा है, लेकिन पोषाहार चालू है, जबकि हकीकत कुछ और ही बयां कर रही थी. चांदनी चौक स्थित केंद्र संख्या 39 की सेविका अंजली कुमारी अनुपस्थित थी. डीपीओ ने टीकाकरण का जायजा लेकर अनावश्यक दिशा निर्देश दिया. सेविका द्वारा डयू लिस्ट नहीं रखने पर उन्होंने कार्रवाई की बात कही.
केंद्र संख्या 53 के निरीक्षण के दौरान सेविका सुमित्रा कुमारी अनुपस्थित थी. वहीं रामटोला बटराहा में जिस जगह पर केंद्र का बोर्ड टंगा था, वह स्थान जानवरों का घर था. सेविका प्रतिमा कुमारी द्वारा जहां केंद्र होने की बात कही गयी. वहां किसी अन्य के नाम का बोर्ड लगा था. डीपीओ ने जांच के दौरान अनुपस्थित सेविका पर कार्रवाई करने व जिम्मेवार सीडीपीओ सुनैना कुमारी व पर्यवेक्षिका कुमारी रिंकू से स्पष्टीकरण पूछ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया.