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गड्ढों के जख्म से कराह रही सड़क

बदहाली. हर के अंदर व बाहर निकलने वाली सड़कों की हालत खस्ता टूटी-फूटी सड़क से शहर की पहचान बन रही है. दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. लेकिन सड़कों को ठीक करने की दिशा में पहल नहीं की जा रही. सहरसा : सड़क से शहर की पहचान होती है व पंगडंडी गांव की परछाई है. यह कहावत […]

बदहाली. हर के अंदर व बाहर निकलने वाली सड़कों की हालत खस्ता

टूटी-फूटी सड़क से शहर की पहचान बन रही है. दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. लेकिन सड़कों को ठीक करने की दिशा में पहल नहीं की जा रही.
सहरसा : सड़क से शहर की पहचान होती है व पंगडंडी गांव की परछाई है. यह कहावत अब बीते दिनों की बात हो गयी है. गांव में चमचमाती सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भर रही है. दूसरी तरफ शहर की सड़कें गड्डों के गहरे जख्म से कराह रही है. इन सड़कों पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं है. सराही रोड, प्रशांत रोड, स्टेशन रोड की सड़क बदहाल है. सड़क पर अक्सर दुर्घटना होती है. ऐसे में लोग इन सड़कों पर चलने से भी डरते हैं.
लेकिन इसे ठीक करने की दिशा में प्रशासन व हमारी सरकार बेपरवाह है. शहर के रिफ्यूजी चौक से सराही मोहल्ला होते नया बाजार तक जाने वाली सड़क पर चलना किसी सजा से कम नहीं है. इस सड़क पर चलने से पहले लोगों की यात्रा का जायका बिगड़ जाता है. सड़कों पर आवागमन कर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बदहाल सड़कों को सुधारने की सरकारी कवायद दम तोड़ती नजर आ रही है. हालांकि नयी सड़क बन तो रही है,
लेकिन पुरानी सड़कें और भी पुरानी होती जा रही है. दूसरी तरफ सर्राफा बाजार व सोना मंडी के रूप में मशहूर प्रमंडलीय मुख्यालय के स्टेशन रोड व सब्जी मंडी रोड में रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है. लेकिन इन बाजार की सड़कें पैदल चलने के भी काबिल नहीं है. उक्त जगहों से सड़क का नामोनिशान मिट चुका है. सिर्फ गड्ढ़े ही बाकी हैं. स्थानीय व्यवसायी बताते हैं कि उनलोगों के द्वारा सरकार को सभी प्रकार के करों का भुगतान किया जाता है. इसके बावजूद सुविधा नदारद है.
लोगों की जरूरत है सोना मंडी : स्टेशन रोड में ज्वेलरी की लगभग दो दर्जन से अधिक दुकाने हैं. जेवरात की पुरानी मंडी होने की वजह से जिला ही नहीं सुपौल व मधेपुरा के ग्राहक भी खरीदारी के लिए इस बाजार का रूख करते हैं. ग्राहक संतोष बताते हैं कि स्टेशन रोड की सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि दुकान के बाहर गाड़ी खड़ी करने में भी दिक्कत होती है. ग्राहक चार पहिया वाहन से आते हैं लेकिन जर्जर सड़क की वजह से गाड़ी दूर खड़ी कर देते हैं.
रोजाना हो रही दुर्घटना: जर्जर सड़क होने की वजह से भारी वाहनों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. वहीं बाइक सवार व ऑटो सवार रोजाना इन जगहों पर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. रिफ्यूजी चौक के समीप दुर्घटना होने से दर्जनों लोग जख्मी हो चुके हैं. इसके बावजूद स्थानीय विभाग व जनप्रतिनिधि सड़क निर्माण की गुणवत्ता की अनदेखी कर रहे हैं.
उदासीन विभाग, उदासीन सरकार : सड़क निर्माण विभाग हो या सरकारी महकमा, सभी स्टेशन, बस स्टैंड व सराही रोड की सड़क की दुर्दशा की अनदेखी कर रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि शहर में प्रवेश करने वाले लोग स्टेशन रोड में पहुंचते ही वाहन में हिचकोले खाने लगते हैं. बीमार मरीजों को इस रास्ते से गुजरने में परेशानी होती है. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी सभी उदासीन बने हुए हैं.
मरीजों को होती है खासी परेशानी
प्रशांत सिनेमा रोड की सड़क.
एनएच भी ठीक नहीं है
प्रमंडलीय मुख्यालय को सुपौल जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालयों को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग एनएच 107 सड़क के मध्य बन आये गड्डों की वजह से बदहाल हो चुकी है. बीते कुछ दिनों से इस मार्ग पर मरम्मत का कार्य करवाया गया था. ग्रामीणों ने बताया कि कार्य एजेंसी द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी है. जबकि सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग की हालत तो बिल्कुल बदहाल है. मीर टोला व रिफ्यूजी के समीप बने गड्डे लोगों के जीवन को लीलने के लिए तैयार हैं.

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