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कोसी : बिजली के नाम पर ठगे जाते हैं लोग
सहरसा नगर : कोसी इलाके में चुनावी सरगरमी बढ़ गयी है. लोगों की नींद उम्मीदवारों के प्रचार गाड़ी की आवाज से खुलने लगी है. चुनाव आयोग भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर प्रचार में लगा है. चाय व पान की दुकानों पर राजनीति की बातें हो रही हैं. हालांकि किसी दल को लेकर लोग खुल […]
सहरसा नगर : कोसी इलाके में चुनावी सरगरमी बढ़ गयी है. लोगों की नींद उम्मीदवारों के प्रचार गाड़ी की आवाज से खुलने लगी है. चुनाव आयोग भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर प्रचार में लगा है. चाय व पान की दुकानों पर राजनीति की बातें हो रही हैं. हालांकि किसी दल को लेकर लोग खुल कर नहीं बोल रहे. कोसी तटबंध के अंदर इस विधानसभा क्षेत्र की चालीस प्रतिशत जनता रहती है. यहां के लोगों ने अब तक बिजली नहीं देखी है. केदली पंचायत के रामदेव कहते है कि यहां के लोग अंधेरे में जीने को विवश हैं.
मामा गाम में बिजली छैय : सुखदेव पंडित का 13 वर्षीय पुत्र चंदन बताता है कि बड़का बाबू (चाचा) की बेटी की शादी में जेनेरेटर से बिजली जली थी. वह बताता है कि मधेपुरा जिले के आलमनगर में उसके मामा का गांव है, जहां बिजली है. केदली, रामपुर, डरहार, बकुनियां के लोग बताते है कि चुनाव के वक्त नेता लोग यहां आते हैं. गांव में बिजली पहुंचाने का भरोसा देते है, लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते हैं. हरेराम यादव कहते है कि जाति और धर्म के नाम पर बंटने का परिणाम है कि क्षेत्र में अंधेरा कायम है.
प्रचार गाड़ी के पीछे भागते है बच्चे: गांव के लोगों में पंपलेट व झंडे को लेकर उत्सुकता है. प्रचार गाड़ी आती है, तो बच्चे पंपलेट के लिए उसके पीछे भागते हैं. लोकगीतों के तर्ज बने चुनावी गीत गांव वालों के मनोरंजन का जरिया हैं.
पर तैयार गीतों में भी जनता से वायदे किये जा रहे है. कमोबेश सभी क्षेत्रों का यही हाल है लोग धीरे-धीरे ही सही चुनावी रंग में डूबने लगे है. प्रत्याशियों के चुनाव निशान से ज्यादा जनता उनके बातों पर गौर कर रही है.
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