लालू राज को कभी नहीं कहा जंगलराज : शरद शरद ने कहा, मोदी पहले वादे को करें पूरा, फिर करें नया वादा हमारी फूट के कारण ही मोदी आज केंद्र में काबिज हैंकेंद्र के मंत्री व सांसद के बयान से सांप्रदायिक तनाव का रहता है खतरासाहित्यकारों का सम्मान लौटाना देश के लिए शर्मनाक दो चरण के संपन्न चुनाव में महागंठबंधन को बड़ी सफलता मिलेगी
सहरसा : सदर मैंने कभी लालू के 15 साल के शासनकाल को जंगलराज नहीं कहा. लालू ने 15 सालों तक सामाजिक विषमता की लड़ाई लड़ी. जंगल राज को जुमला बना कर जुमलेबाज सरकार देश में फूट डाल कर सत्ता पर बने रहना चाहती है. हमारी फूट के कारण ही मोदी आज केंद्र में काबिज हैं. दो चरण के संपन्न चुनाव में महागंठबंधन को बड़ी सफलता मिलेगी. फिर से न्याय के साथ विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनेगी.
ये बातें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने सहरसा में प्रेस कांफ्रेंस में कही. बिहार विधानसभा के तीसरे चरण के चुनावी दौरे के बाद सोमवार को चुनावी कैंपेन के लिए सहरसा पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि दो चरण के संपन्न चुनाव मंे महागठबंधन को बड़ी सफलता मिलेगी.
फिर से न्याय के साथ विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनेगी.बिहार में विगत 10 सालों में नीतीश के नेतृत्व में न्याय के साथ विकास गढ़ने का काम किया है वह कानों सुनी नहीं आंखों देखी जा सकती है. 66 हजार किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण कर गांवों को शहर से जोड़ा गया. चार हजार से अधिक बड़े-बड़े पुल-पुलिया का निर्माण किया गया. शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बिहार में काफी बदलाव हुआ.
बिहार ने ही पंचायती राज व्यवस्था में सबसे पहले महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. शरद ने कहा कि नरेंद्र मोदी फिर से बिहार के लोगों से झूठा वादा कर बिहार की सत्ता पर काबिज होने की फिराक में हैं. जबसे मोदी पीएम बने हैं देश के 125 करोड़ लोगों को भूल देश और विदेशों में सिर्फ भाषणबाजी करते रहते हैं. मोदी पहले अपने पुराने वायदे को पूरा करें, फिर बिहार के लोगों से नया वादा करे. गंगा को साफ रखने की मुहिम को भी उनका अभियान सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गया है.
केंद्र के मंत्री व उनके सांसद रोज कुछ न कुछ ऐसे बयान देते हैं जिससे पूरे देश में तनाव व सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा हर समय बना रहा है. दादरी घटना के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर देश के साहित्यकारों द्वारा सरकार को सम्मान लौटाया गया. यह शर्मनाक है. साहित्यकार, कलाकार, कवि जैसे लोग बड़े ही संवेदनशील व्यक्ति होते है, जो ऐसे निर्णय कठिन परिस्थिति में ही लेते हैं. इस मौके पर जदयू जिलाध्यक्ष धनीक लाल मुखिया, राजद जिलाध्यक्ष मो ताहिर, सुशील यादव, शांतनु बुंदेला, दामाद राजकमल भी मौजूद थे. फोटो- शरद 17- प्रेसवार्ता में जदयू अध्यक्ष शरद यादव