सहरसा : 30वीं बिहार न्यायिक सेवा के प्रकाशित परिणाम में सहरसा शहर के न्यू कॉलोनी निवासी डॉ एके चौधरी की पुत्री श्वेता चौधरी ने 32वां रेंक प्राप्त कर जिले का नाम रौशन किया है. इनकी पदस्थापना सिविल जज के रूप में होगी. प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर प्राप्त करने के बाद वर्ष 2008 में ग्लर्स स्कूल, रांची से नब्बे प्रतिशत अंक के साथ दसवीं, वर्ष 2010 में डीएवी पब्लिक स्कूल, रांची से 84 प्रतिशत के साथ बारहवीं, वर्ष 2013 में पटना विश्वविद्यालय से 75 प्रतिशत अंक के साथ बीकॉम, वर्ष 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस सेंटर से 61 प्रतिशत के साथ एलएलबी, वर्ष 2018 में नालसा विश्वविद्यालय हैदराबाद से एलएलएम की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करती थी. चयन के बाद परिवार के साथ पूरे जिले में जश्न का माहौल है. शनिवार की सुबह से ही बधाई देने के लिए लोगों की भीड़ जुट गयी थी.
पिता है आदर्श
अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता चिकित्सक डॉ एके चौधरी को देते उन्होंने कहा कि उनके पिता उनके लिए आदर्श है. श्वेता ने कहा कि बचपन से ही पढ़ाई के लिए माता-पिता हमेशा उत्साहवर्द्धन करते थे. जिसका परिणाम हुआ कि अच्छी शिक्षा के साथ न्यायिक सेवा में सफलता मिली. मालूम हो कि पिता डॉ चौधरी वर्ष 1983 से ही प्रत्येक रविवार को मरीजों का नि:शुल्क इलाज करते है. वहीं, इकलौता भाई डॉ अभिषेक कुणाल भी पिता के राह पर चलते रविवार को मरीजों का नि:शुल्क इलाज करते है.
तीन बहनों में सबसे छोटी श्वेता है. वहीं, उससे बड़ी बहन डॉ पल्लवी वर्तमान में पटना स्थित आइजीएमएस में पदस्थापित है. दूसरी बहन ऋचा भी मुजफ्फरपुर में चिकित्सक है. श्वेता की भाभी डॉ अर्चना स्नेहा भी सदर अस्पताल सहरसा में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थापित है.

