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अब वर्ष 2020 में सहरसा से सरायगढ़ रेलखंड पर ट्रेन दौड़ने की बनी उम्मीद

35 किलोमीटर गढ़बरूआरी-सरायगढ़ का हो रहा अमान परिवर्तन 60 प्रतिशत ही कार्य पूरा, झारखंड व अन्य प्रदेशों में पहाड़ों पर बारिश की वजह से रेल विभाग को नहीं मिल रहा ब्लास्ट रेल इंजीनियरों व कांट्रेक्टरों ने कहा कि मॉनसून में ब्लास्ट की कमी से आ रही नये ट्रैक पर फिसलन, अगले तीन माह तक ठप […]

  • 35 किलोमीटर गढ़बरूआरी-सरायगढ़ का हो रहा अमान परिवर्तन
  • 60 प्रतिशत ही कार्य पूरा, झारखंड व अन्य प्रदेशों में पहाड़ों पर बारिश की वजह से रेल विभाग को नहीं मिल रहा ब्लास्ट
  • रेल इंजीनियरों व कांट्रेक्टरों ने कहा कि मॉनसून में ब्लास्ट की कमी से आ रही नये ट्रैक पर फिसलन, अगले तीन माह तक ठप होगा निर्माण कार्य
  • नदी में पानी भरने की वजह से खनन विभाग से कांट्रेक्टरों को नहीं हो रहा बालू उपलब्ध, मॉनसून में धान रोपणी की वजह से मजदूर भी गायब
  • वर्ष 2018 के सितंबर माह में सहरसा-सरायगढ़ अमान परिवर्तन कार्य पूरा करने की थी अंतिम डेडलाइन
  • फिनिशिंग वर्क, इंटरलॉकिंग व ट्रैक पैकिंग कार्य अब तक नहीं हुआ शुरू
  • गढ़बरूआरी-सरायगढ़ तक सभी स्टेशनों के पुराने बिल्डिंग तोड़ने का निर्देश, नये भवन तैयार होने के बाद ही इस रेलखंड पर चलेंगी ट्रेनें
सहरसा : लगता है इस वर्ष भी सहरसा से सुपौल व सरायगढ़ तक ब्रॉडगेज पर ट्रेन दौड़ने की उम्मीद कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए सपना बनकर रह जायेगा. ब्लास्ट, बालू व निर्माण सामग्री की कमी से गढ़बरूआरी-सरायगढ़ अमान परिर्वतन कार्य पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया है. मॉनसून की वजह से रेल इंजीनियरों व कांट्रेक्टरों को मजदूर व निर्माण सामग्री नहीं मिलने से पिछले एक माह से गढ़बरूआरी-सरायगढ़ के बीच अमान परिर्वतन पूरा करने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है.
इंजीनियरों की मानें तो पहाड़ों पर तेज बारिश के चलते ब्लास्ट निर्माण स्थल तक नहीं पहुंच रहा है. जिससे ट्रैक का काम अधूरा पड़ा है. वहीं मॉनसून में धान रोपणी के कारण मजदूर भी पंजाब, यूपी व हरियाणा की ओर रूख कर गये हैं. मजदूर की कमी के कारण भी निर्माण कार्य पर काफी असर पड़ रहा है. जो मजदूर बचे हैं, धान रोपणी में आने को तैयार नहीं हैं.
30-35 रैक ब्लास्ट की है जरूरत
पाकुड़, बाकुडीह व बहरवा से निर्माण कार्य स्थल तक ब्लास्ट पहुंच रहा है. कांट्रेक्टरों की मानें तो गढ़बरूआरी -सरायगढ़ के बीच ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है. ट्रैक पर ब्लास्ट बिछाने का कार्य चल रहा है. वर्तमान में 30-35 रैक ब्लास्ट की जरूरत है, तभी फाइनल टच दिया जायेगा. लेकिन झारखंड में पहाड़ों पर बारिश के कारण ब्लास्ट निर्माण कार्य स्थल तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं सीमेंट व गिट्टी लाने के लिए जीपीएस युक्त वाहन भी नहीं मिल रहा.
65 करोड़ की लागत से अमान परिर्वतन कार्य होना है पूरा: करीब 51 किलोमीटर सहरसा से सरायगढ़ तक के बीच करीब 65 करोड़ की लागत से अमान परिर्वतन कार्य पूरा करने की योजना है. जिसमें प्रथम चरण में सहरसा से गढ़बरूआरी तक अमान परिर्वतन कार्य पूरा हो चुका है.
इसे भी वर्ष 2018 के मार्च तक पूरा करना था. लेकिन निर्माण सामग्री के अभाव में इसमें देरी आयी. बीते 7 मार्च को पहली बार ब्रॉडगेज की ट्रेन चला कर शुभारंभ किया गया था. दूसरे चरण में 35 किलोमीटर गढ़बरूआरी से सरायगढ़ के बीच अमान परिर्वतन कार्य चल रहा है. जिसे पिछले वर्ष सितंबर 2018 में ही पूरा कर लेना था.
नये स्टेशनों के निर्माण के बाद ही दौड़ेगी ट्रेनें: रेल अधिकारियों के अनुसार गढ़बरूआरी से सरायगढ़ स्टेशन के बीच नये भवनों के निर्माण के बाद ही इस रेलखंड पर ट्रेनें दौड़ेगी.
इसके तहत नये निर्देश में वीना एकमा, सुंदरपुर हॉल्ट, सुपौल, कदमपुरा, थरबिटिया, बैजनाथपुर अंदौली, चांदीपार हॉल्ट व सरायगढ़ स्टेशनों के पुराने भवन को तोड़कर नये भवन का निर्माण होना है. जबकि पूर्व के निर्देश में यह था कि पहले इस रेलखंड पर ट्रेन चलेगी बाद में नये भवनों का निर्माण होगा.
60 प्रतिशत पूरा, 40 प्रतिशत अधूरा है कार्य: रेल इंजीनियरों के अनुसार गढबरूआरी से सराययगढ़ तक के बीच अमान परिर्वतन कार्य करीब 60 प्रतिशत पूरा किया गया है. जबकि 40 प्रतिशत कार्य अधूरा है. पांच मेजर ब्रिज व 15 माइनर ब्रिज कार्य करीब 80 से 90 प्रतिशत पूरा करा लिया गया है. ट्रैक पूरी तो बिछा दी गयी है, लेकिन वर्क फिनिशिंग के लिए ट्रैक पैकिंग, इंटर लॉकिंग, सिग्नल आदि कार्य अभी तक शुरूआत भी नहीं हो सकी है.
सरायगढ-फारबिसंगज अमान परिर्वतन कार्य पर पड़ेगा फर्क
दूसरे चरण में गढ़बरूआरी से सरायगढ़ के बीच अमान परिर्वतन कार्य पूरा होने के बाद तीसरे चरण में सरायगढ़ से फारबिसगंज तक के बीच अमान परिर्वतन कार्य शुरू किया जाना था.
इसके पूरा करने की रेल विभाग ने वर्ष 2020 तक अंतिम डेडलाइन दे रखी है. इसके अंत तक सहरसा से फारबिसंगज रेलखंड पर ट्रेनें दौड़नी है. लेकिन दूसरे चरण के निर्माण कार्य में आ रही देरी के कारण सरायगढ़-फारबिसंगज अमान परिर्वतन कार्य पर काफी असर पड़ेगा.
तीन माह ठप रह सकता है काम
अगर यही हाल रहा तो मॉनसून समाप्ति तक अगले 3 माह तक निर्माण कार्य ठप रहेगा. इसके अलावा जो रैक ब्लास्ट लेकर निर्माण स्थल तक पहुंच रहे हैं, ट्रैक पर फिनिशिंग वर्क व पैकिंग कार्य शुरू नहीं होने के कारण नये ट्रैक पर इंजन फिसलती है. इस वजह से भी मॉनसून में निर्माण कार्य धीमा है. रेल इंजीनियरों व कंट्रैक्टरों ने प्रभात खबर को बताया कि मॉनसून की वजह से नदी में पानी काफी भर गया है. जिस वजह से खनन विभाग से बालू मिलना भी मुश्किल हो गया है.
ऐसे में उम्मीद लगायी जा रही है कि गढ़बरूआरी-सरायगढ़ तक के बीच अमान परिर्वतन कार्य इस वर्ष अंत तक पूरा नहीं हो सकेगा. यही हाल रहा तो गढ़बरूआरी-सरायगढ 35 किलोमीटर तक अमान परिर्वतन कार्य वर्ष 2020 जनवरी माह के अंत तक पूरा सकेगा. सीआरएस निरीक्षण के बाद ही अगले वर्ष मार्च 2020 तक सहरसा से सरायगढ़ रेलखंड पर ट्रेनें दौड़ेगी.
हालांकि हाजीपुर जोन व समस्तीपुर डिवीजन के रेल अधिकारियों का दावा है कि निर्माण सामग्री पहुंचने में जो अड़चन आ रही है. उसे जल्द ही दूर करेंगे और इस वर्ष में ही इस रेलखंड पर ट्रेनें दौड़ेगी. बता दें कि वर्ष 2016 में ही सहरसा-गढ़बरूआरी व सरायगढ़ के बीच अमान परिर्वतन कार्य पूरा करने को लेकर इस रेलखंड पर मेगा ब्लॉक लिया गया था. फिलहाल गढ़बरूआरी से सरायगढ़ तक अमान परिर्वतन कार्य पूरा करने को आरएन झा बेगूसराय को कांट्रेक्ट दिया गया है.

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