नवहट्टा (सहरसा) : प्रखंड क्षेत्र के आदर्श मध्य विद्यालय नवहट्टा के शिक्षकों की ओर से सोमवार को बच्चों को डांट फटकार कर विद्यालय से बाहर निकाल दिया गया. विद्यालय पोषक क्षेत्र वार्ड सदस्य सह प्रबंध समिति अध्यक्ष विक्रम कामत ने बताया कि बच्चों को विद्यालय से लगभग 12 बजे दिन में ही निकाल दिया गया. बच्चों को बताया गया कि पढ़ाई नहीं होगी,
तुम लोग घर चले जाओ. पता करने पर विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि हमलोगों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. इसलिए हम लोग आज से बच्चों को नहीं पढ़ायेंगे. मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने बच्चों के साथ विद्यालय में तालाबंदी कर दी. कहा कि जब तक वरीय अधिकारी
अभिभावकों ने स्कूल…
की ओर से विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पर कार्रवाई नहीं की जायेगी, हमलोग विद्यालय की ताला नहीं खोलेंगे. सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी द्रवेश कुमार ने आक्रोशित लोगों को शांत कराया और मामले की जानकारी ली. मौके पर थाना प्रभारी ने लोगों को समझा- बुझा कर तालाबंदी हटाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे.
बच्चों ने कहा कि विद्यालय के कई शिक्षक क्लास रूम में शराब पीते हैं. ग्रामीणों ने क्लास रूम से शराब की बोतल और प्लास्टिक के गिलास लेकर विद्यालय कैंपस से बाहर राजनपुर-कर्णपुर जाने वाले पथ को जाम कर घंटों प्रदर्शन किया और आवागमन बाधित कर दिया. घंटों हो हंगामा के बाद प्रखंड प्रमुख शमीम अख्तर पप्पू, प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्र मोहन पासवान, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र पांडे एवं कई अन्य जनप्रतिनिधि भी पहुंचे और आक्रोशित लोगों को शांत करा कर जाम हटाया. सभी ने विद्यालय परिसर में बैठक आयोजित कर शैक्षणिक व्यवस्था पर जम कर भड़ास निकाली और प्रधानाध्यापक की क्लास की. छात्र-छात्राओं ने वर्ग कक्ष से कई शराब की बोतल, प्लास्टिक के गिलास व सूखी मछली अधिकारी और जनप्रतिनिधि को दिखाये.
बच्चों ने यह भी कहा कि हम लोग क्लास में बैठ कर पढ़ते रहते हैं. उस समय हमसे वर्ग शिक्षक की ओर से दुकान से सिगरेट व गुटखा खरीद के मंगाया जाता है. नहीं जाने पर मारते-पीटते हैं. मौके पर युवा समाजसेवी प्रणव प्रताप राघव सिंह ने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि नवहट्टा प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय में लगभग 14 सौ से अधिक छात्र व छात्राएं नामांकित है और विद्यालय में कुल 26 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन परिसर में मात्र दो शौचालय हैं. इसमें बच्चे को जाना वर्जित कर दिया गया है. सातवीं और आठवीं क्लास की छात्र छात्राओं को शौचालय की जरूरत पड़ने पर किसी दीवार के पीछे या सड़क के किनारे बैठने पर शर्म की बात है.
आक्रोशित अभिभावक वृद्ध समाजसेवी रमन कुमार सिंह, भूषण प्रसाद सिंह, जिला पार्षद नीतू दास, कामेश्वर सिंह, रमन सिंह, सुमनजी सिंह, विक्रम कामत, बेचन साह, एस एस हिमांशू, नीरज महाराज, बिसो कामत, त्रिवेणी कामत, मंजूर आलम, अशफाक खान, नाजीम खान, शमशेर खान, दिलीप सिंह, मुन्ना चौधरी, मोहम्मद परवेज, कादिर, दिलीप साह, रंजन देवी, हरेराम कामत, गंगा रॉय, डॉ टुन्न, पूर्व पंसस बेचन साह, मंजूर आलम, परवेज, किसुन साह व अन्य ने कार्यरत प्रधानाध्यापक को हटा कर किसी अन्य शिक्षक को प्रधानाध्यापक बनाने की मांग की. जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी ने समझा-बुझा कर विद्यालय से तालाबंदी हटायी और पठन-पाठन को शुरू कराया.
क्लास रूम से बोतल व गिलास लेकर सड़क पर बैठे बच्चे
समय पर वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए शिक्षक ने बच्चों को निकाला विद्यालय से बाहर