14.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बाघ की दहशत से रतजगा करने को लोग विवश

सासाराम कार्यालय: कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में इन दिनों बाघ व तेंदुआ का आतंक है. गांव के लोग बाघ व तेंदुए के क्षेत्र में विचरण करने से दहशत में जी रहे हैं. उन्हें डर है कि कब बाघ या तेंदुआ जंगल से निकल रिहायशी इलाके में आ जाये. शाम होते ही लोग अपने घरों […]

सासाराम कार्यालय: कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में इन दिनों बाघ व तेंदुआ का आतंक है. गांव के लोग बाघ व तेंदुए के क्षेत्र में विचरण करने से दहशत में जी रहे हैं. उन्हें डर है कि कब बाघ या तेंदुआ जंगल से निकल रिहायशी इलाके में आ जाये. शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक जा रहे हैं.

जब भी बाघ के आने की आशंका होती है, तो लोग टोली बना हाथों में मशाल लेकर अपने-अपने घरों से निकल कर गांव की रखवाली करने लगते हैं.

जानकारी के अनुसार, करीब 1700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कैमूर पहाड़ी के जंगलों से पहले भी समय-समय पर बाघ या तेंदुआ रास्ता भटक कर बस्ती में आते रहे हैं. वन विभाग के आंकड़ों की मानें, तो कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के जंगलों में फिलहाल 30 तेंदुए विचरण कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों की मानें, तो बाघ या तेंदुआ आदि जंगली जानवर भीषण ठंड व गरमी में जंगलों से बाहर निकल आते हैं. स्थानीय लोगों की मानें, तो इस बार भी कड़ाके की ठंड के कारण एक बाघ रास्ता भटक गया है. बाघ कैमूर व रोहतास के सीमावर्ती जंगली इलाकों में देखा जा रहा है, जो ग्रामीणों के डर का कारण बना हुआ है.

रोहतास व कैमूर जिले के दर्जनों गांव कैमूर पहाड़ी के तलहट्टी में बसे हुए हैं.इन ग्रामीणों की दिनचर्या जंगल में ही शुरू होती थी,लेकिन बाघ के खतरे ने इनकी दैनिक क्रियाकलापों पर प्रभाव डाला है.बाघ द्वारा अबतक पांच जानवरों का शिकार किया जा चुका है. प्रभात खबर की टीम ने रोहतास जिले के मधकुपिया, नावाडीह, पांडेयपुर, करमा व सदोखर आदि गांवों के लोगों से बाघ के बारे में पता किया. ग्रामीणों ने बताया कि बाघ के कारण वह अपने खेतों में काम करने से डर रहे हैं. उन्हें अपने मवेशियों की सुरक्षा की सबसे अधिक चिंता है. रात भर जाग कर पहरेदारी कर रहे हैं. हल्की आहट पर भी गांव के लोग मशाल लेकर खेत व जंगल की ओर दौड़ पड़ते हैं. पिछले दिनों करमा व पांडेयपुर में गóो के खेत में बाघ को देखा गया था. फिलहाल, बाघ के बारे में न तो वन विभाग और न ही स्थानीय लोगों जानकारी है. फिर भी बच्चे, बड़े, युवक व बुजुर्ग बाघ के खौफ के साये से उबर नहीं पाये हैं ?

पंकज सिंह, संजीत सिंह, ललन सिंह, दशरथ यादव, सुदर्शन पासवान व नरेश सिंह आदि, ये लोग मशाल लेकर करमा गांव की गलियों में बाघ के खौफ को कम करने के लिए गश्त करते हैं, ने बताया कि वन विभाग यह साफ-साफ बताये कि आखिर बाघ कहां गया? क्योंकि, जब तक पुख्ता जानकारी नहीं मिलती है, उनकी जान-माल पर खतरा मंडराता रहेगा.

क्या कहते हैं रेजर

वन विभाग की टीम ने बाघ को खोजने व पकड़ने के लिए कई बार छापामारी अभियान चलाया है. पटना से विशेष टीम भी आकर छापेमारी की.जंगल के बाहरी एरिया के आठ किलोमीटर में टीम बना कर अभियान को अंजाम दिया गया, लेकिन बाघ को काबू में नहीं किया जा सका है. संभावना है कि बाघ जंगल की ओर चला गया होगा.

-आरके वर्मा, रेंजर, सासाराम वन प्रमंडल

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel