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नगर भ्रमण के दौरान भिड़े मुख्य पार्षद व कार्यपालक पदाधिकारी

वार्ड सात का भ्रमण करने पहुंचे थे जनप्रतिनिधि व अधिकारी सासाराम कार्यालय : जलजमाव की समस्या के निजात की बात दरकिनार कर पार्षद व कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) आपस में भिड़ गये. दोनों ओर से भ्रष्टाचार में डूबे होने के आरोप लगे. जनता हक्की-बक्की. समस्या ज्यों की त्यों छोड़ दोनों नगर पर्षद कार्यालय लौट पड़े. फिर […]

वार्ड सात का भ्रमण करने पहुंचे थे जनप्रतिनिधि व अधिकारी
सासाराम कार्यालय : जलजमाव की समस्या के निजात की बात दरकिनार कर पार्षद व कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) आपस में भिड़ गये. दोनों ओर से भ्रष्टाचार में डूबे होने के आरोप लगे. जनता हक्की-बक्की. समस्या ज्यों की त्यों छोड़ दोनों नगर पर्षद कार्यालय लौट पड़े. फिर शुरू हो गयी, अपनी-अपनी शिकायत को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का. मुख्य पार्षद कंचन देवी ने डीएम को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि उप मुख्य पार्षद विजय कुमार महतो व अन्य पार्षदों व कार्यपालक पदाधिकारी के साथ नगर भ्रमण के दौरान वार्ड सात में पहुंचे थे.
दिन में करीब 1:30 बजे. जलजमाव से त्रस्त वार्ड की जनता ने प्रश्न पूछना शुरू किया, तो इओ संयम खो बैठे. लोगों के साथ बदसलूकी करने लगे. उन्होंने मेरे व उप मुख्य पार्षद के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया.
इसके बाद नगर भ्रमण कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चले गये. इस प्रकरण के कई पार्षद व स्थानीय नागरिक साक्षी हैं. एक चुने जन प्रतिनिधि के साथ अमर्यादित आचरण व भाषा का इस्तेमाल करना लोकतंत्र का अपमान है. इस घटना से हम सभी काफी आहत हैं. पूरे मामले की जांच कर इओ के खिलाफ कार्रवाई की जाये.
उधर, इओ मनीष कुमार ने बताया कि घटना की सूचना वरीय अधिकारियो को दी गयी है. उन्होंने कहा कि नगर भ्रमण के दौरान जनता को भड़का कर मुझ पर हमला कराने की साजिश रची गयी थी.
जलजमाव की समस्या को दूर करने के उपाय ढूंढने की जगह, सीधे मुझे ही इसके लिए दोषी ठहराया जा रहा था. मुख्य व उप मुख्य पार्षद ने मेरे साथ जनता के सामने दुर्व्यवहार किया. अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. एक लोकसेवक के विरुद्ध इस तरह का व्यवहार करना अशोभनिय है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर पर्षद की मुख्य पार्षद अपनी सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों के साथ मंगलवार की दोपहर नगर भ्रमण पर थीं.
वार्ड नंबर सात की एक गली में काफी जलजमाव था. जलजमाव से त्रस्त लोग अपनी-अपनी बात सुना रहे थे. इसी बीच मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद व इअो दोनों एक-दूसरे पर इस समस्या के दोषारोपण करने लगे. मामला तू-तू मैं-मैं से चरित्र पर चला गया. दोनों ओर से एक-दूसरे को भ्रष्टाचार में डूबा हुआ बताया जाने लगा. मामला बढ़ता देख, साथ चल रहे पुलिस बल ने बीच बचाव कर शांति कायम की.

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