पुलिस को शक है कि तीनों की हत्या के बाद साक्ष्य को मिटाने की गयी कोशिश
घटना की प्राथमिकी स्वयं थानाध्यक्ष उदय कुमार द्वारा दर्ज की गयी है. इसमें थाना कांड संख्या 474/25 में बीएनएस के तहत धारा 103 व 238 लगाया है. बीएनएस की धारा 103 हत्या के अपराध को परिभाषित करती है. इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझ कर किसी अन्य व्यक्ति को जान से मारने के लिये हमला करता है, जबकि बीएनएस की धारा 238 किसी अपराध के सबूतों को जानबूझकर मिटाने, छिपाने या किसी अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देने के कार्य को अपराध मानती है. इस धारा के तहत जानबूझ कर किसी अपराध के सबूतों को गायब करना या छिपाना या झूठी जानकारी देना ताकि अपराधी को दंड से बचाया जा सके.
दरअसल अनुसंधान कर रही पुलिस इस घटना को प्रथम दृष्टया हत्या का मामला मान रही है. दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया है कि प्रथम दृष्टया किसी अज्ञात अपराधियों द्वारा तीनों व्यक्तियों का मृत्यु कारित कर साक्ष्य को मिटाना भी प्रतीत होता है. प्राथमिकी में कहा गया है कि पोस्टमार्टम में एफएसएल टीम द्वारा नवीन कुशवाहा, कंचन माला व तन्नू प्रिया के शवों की जांच कर उसकी वीडियोग्राफी की गयी. इसके बाद मृतकों के यूरोपियन कॉलोनी स्थित आवास पहुंच कर घटनास्थल से खून के सूक्ष्म नमूनों का संकलन किया गया. डायनिंग रूम के सोफा से तीनों मृतकों का मोबाइल बरामद किया गया. थानाध्यक्ष के अनुसार अब तक यह पता नहीं चला है कि घटना के समय घर वालों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति वहां मौजूद था. उन्होंने बताया कि जब्त किये गये मोबाइल के नंबर का कॉल डिटेल खंगाला जा रहा है. उन्होंने बताया कि घर के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरा नहीं है. पोस्टमार्टम व एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद हद तक इस संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझ जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

