इन सवालों को लेकर सांसद ने केंद्र-राज्य सरकारों पर साधा निशाना
कहा- यह सिर्फ व्यापार का नहीं बल्कि बिहार की अस्मिता का सवाल है
पूर्णिया. पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बिहार के पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहर मखाना और तिलकुट पर लगाये गये जीएसटी को लेकर एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मखाना और तिलकुट हमारी जिंदगी हैं, इन पर टैक्स लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है.उन्होंने दोहराया कि वे इन दोनों उत्पादों को जीएसटी मुक्त कराने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे. इस पूरे मामले में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सांसद को पत्र लिखकर जानकारी दी कि जीएसटी की दरें और छूट जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर तय होती हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. पत्र में यह भी बताया गया कि तिलकुट पर पहले से 5% की रियायती जीएसटी दर लागू है, जबकि बिना पैकेट और लेबल वाला मखाना जीएसटी मुक्त है. इस जवाब से असंतुष्ट पप्पू यादव ने कहा कि केंद्र सरकार हर संवेदनशील मुद्दे को राज्य सरकार के पाले में डालकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की उदासीनता भी इस समस्या को और गहरा रही है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में भी अगर समाधान नहीं निकल पा रहा, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सांसद ने यह भी कहा कि मखाना केवल एक खाद्य पदार्थ नहीं, बल्कि हजारों किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की रोजी-रोटी का आधार है. वहीं तिलकुट बिहार की पारंपरिक विरासत से जुड़ा उत्पाद है, जिसकी पहचान देश-विदेश तक है. इन पर टैक्स लगाकर सरकार आम जनजीवन और छोटे व्यापारियों पर सीधा प्रहार कर रही है.पप्पू यादव ने साफ किया कि वे इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक मखाना और तिलकुट को पूरी तरह जीएसटी मुक्त नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने जनता से भी इस लड़ाई में साथ देने की अपील की और कहा कि यह सिर्फ व्यापार का नहीं, बिहार की अस्मिता का सवाल है.
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