बैसा (पूर्णिया). बैसा प्रखंड अंतर्गत नंदनिया पंचायत के नंदनिया कब्रिस्तान घाट स्थित कनकई नदी के किनारे बसी एक बड़ी आबादी आज भी नाव के सहारे जी रहे हैं. कनकई नदी के इस धारा से रोजाना करीब 15 हजार की आबादी का आना- जाना होता है.आजादी के बाद से आज तक इन गांव वालों की इस समस्या का हल नहीं निकल सका है. इस घाट होकर प्रखंड के 7-8 पंचायतों के हजारों लोगों का आवागमन होता है लेकिन बरसात के मौसम में लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है. लोगों को कोसों दूरी तय करके प्रखंड मुख्यालय या अन्य जगहों के लिए जाना पड़ता है.कनकई नदी के पूरब पार लाखों की आबादी रहती है.जिनका चिकित्सा, शिक्षा, बाजार प्रखंड मुख्यालय स्थित रौटा बाजार के भरोसे है. यहां के लोगों की जीविका का भी मात्र एक साधन रौटा बाजार ही है.मुखिया प्रतिनिधि अबु अमामा ने बताया कि नाव के सहारे इलाके के कई पंचायत हैं, जिनकी पूरी दिनचर्या रौटा बाजार पर निर्भर है. इनमें नंदनिया, मंझोक, मुंगराप्याजी, बलुआ गोस्तरा, धूसमल, सिरसी, कंफलिया और अन्य कई गांव शामिल हैं. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि किसी की भी सरकार रही हो, ये लोग आज तक विकास कैसे होता है देख नहीं पाये हैं. लोगों ने बताया कि देश आज मेट्रो ट्रेन की सवारी कर रहा है लेकिन ये अभी भी दशकों पीछे ही हैं. लोगों ने बताया कि इनको न तो बेहतर शिक्षा मिल पायी है न ही स्वास्थ्य सुविधा. बस इस इलाके के लोगों को नाव ही सहारा इनके नसीब में है.आवागमन के साधन नहीं होने के कारण यहां के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं को झेलना पड़ रहा है. पुल नहीं होने का नतीजा यह है कि आवश्यक सुविधाएं भी लोगों को सहजता से नहीं मिल पा रही है. लोगों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए एक अदद पुल की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

