आयोग ने कसी नकेल : राजनीतिक विज्ञापन के लिए एमसीएमसी से पहले अनुमोदन कराना अनिवार्य
पूर्णिया. जिला निर्वाचन पदाधिकारी अंशुल कुमार के निर्देश के आलोक में वरीय पदाधिकारी मीडिया एवं सोशल मीडिया/एमसीएमसी सह अपर समाहर्ता सिंलिंग रामेश्वर राम एवं नोडल पदाधिकारी मीडिया एवं सोशल मीडिया/एमसीएमसी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा संयुक्त से मीडिया प्रतिनिधियों को मंगलवार को महानंदा सभागार में प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित करना है कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा डिजिटल एवं सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापन का प्रकाशन एवं प्रसारण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश और आदर्श आचार संहिता के अनुरूप हो. यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या तीसरा पक्ष अनाधिकृत या भ्रामक विज्ञापन का प्रकाशन एवं प्रसारण नहीं करें.इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबंधित प्रशिक्षण
टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया साइट्स या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित/प्रसारित किसी भी राजनीतिक विज्ञापन के लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी से पहले अनुमोदन कराना अनिवार्य है. संबंधित अभ्यर्थियों को चुनावी विज्ञापन सामग्री का मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी सेल) को दो प्रतियों में (एनेक्सर-ए) में प्रस्तुत करना होगा. मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी 48 घंटे के भीतर निर्णय देगी कि विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश एवं आदर्श आचार संहिता के अनुरूप है या नहीं. इसके बाद अनुमोदन पर निर्णय लिया जाएगा. अनुमोदन प्राप्त विज्ञापन का रिकॉर्ड एनेक्शसर-बी में रक्षित किया जाता है. यदि किसी भी पार्टी या प्रत्याशी द्वारा बिना एमसीएमसी से अनुमोदन के बिना राजनीतिक विज्ञापन का प्रसारण चुनाव आयोग के दिशा निर्देश एवं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. तीसरा पक्ष सोशल मीडिया डिजिटल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी प्रत्याशी या दल के पक्ष या विपक्ष में विज्ञापन देने की अनुमति नहीं होगी.प्रिंट मीडिया से संबंधित प्रशिक्षण
मतदान तिथि से एक दिन पूर्व और मतदान तिथि के दिन बिना एमसीएमसी सेल के अनुमोदन के बिना कोई भी राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित नहीं होगा. विज्ञापन की प्रति कम से कम दो दिन पहले (एमसीएमसी सेल) को समर्पित करना अनिवार्य होगा. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव आचार संहिता अवधि में प्रिंट मीडिया के चुनावी विज्ञापनों पर भी सभी नियम लागू हैं. संबंधित विज्ञापन के प्रकाशक और उम्मीदवार का नाम एवं पता स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य है. सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन या प्रचार पोस्ट करने से पूर्व प्रमाण आवश्यक है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी प्रकार के चुनावी प्रचार सामग्री, पोस्ट, वीडियो, ऑडियो, इन्फोग्राफिक आदि पर भी आचार संहिता लागू है. संबंधित उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया प्रचार पर किया गया खर्च उनके चुनावी व्यय लेखे में जोड़ा जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

