पूर्णिया. श्रीनगर के सिंघिया पंचायत स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में गांव की 200 से अधिक महिलाएं एक स्थान पर जमा हैं. सबकी नजरें एक चलंत वाहन में लगे एलइडी स्क्रीन पर है. स्क्रीन पर प्रदर्शित हो रहे वीडियो में सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से चलाये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है. पिछले दो दशकों से ग्रामीण महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के सरकार के प्रयासों को संक्षिप्त लेकिन प्रभावी रूप से दिखाया जा रहा है. कुल तीन प्रकार के वीडियो दिखाये जा रहे हैं जो 50 मिनट का है. एक बालिका से लेकर व्यस्क तथा वृद्ध जनों तक की महिलाओं के लिए सरकार ने जो कल्याणकारी योजनायें बनायी हैं, उसका सटीकता के साथ प्रसारण किया जा रहा है. कुछ महिलाएं आपस में बात करती दिख रही हैं जो स्वयं को इन योजनाओं से वंचित पाती हैं. इस बीच कार्यक्रम में शामिल लोगों के बीच लीफलेट बांटा जा रहा है. इसमें महिला सशक्तीकरण से सम्बंधित कुल 31 योजनाओं की जानकारी दर्ज है. साथ में बिहार के मुख्यमंत्री का राज्य की महिलाओं के नाम सन्देश पत्र भी है जिसमें राज्य के विकास में उनकी उल्लेखनीय भूमिका तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त होकर समाज के नेतृत्व की बात समाहित है.
अपने अनुभवों को साझा कर रहीं महिलायें
वीडियो प्रदर्शनी के तुरंत बाद कुछ महिलाएं मंच से अपने अनुभव को सबसे साझा करने कैनोपी में आ चुकी हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं जीविका स्वयं सहायता समूह की हैं. बेली जीविका स्वयं सहायता समूह की रुक्मिणी देवी बता रही हैं कि किस प्रकार उन्होनें अपनी समूह से ऋण लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा. स्थिति बेहतर हुई तो आज अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवा रही हैं. गगन जीविका स्वयं सहायता समूह से जुडी लता दीदी ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए कह रही हैं कि सिंघिया पंचायत के जितिया घाट में कोशी नदी पर एक पुल हो ताकि हमारे बच्चे उच्च विद्यालय जाकर पढ़ाई कर सके. इस बीच भीड़ से उठकर कुछ महिलाएं कैनोपी की तरफ बढ़ रही हैं जो अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी.संवाद में रख रही हैं जरूरी बातें
समाज के प्रयेक वर्ग की ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक बदलाव का जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से चलाये जा रहे महिला संवाद में एक तरफ सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ लेकर अपने जीवन को संवारने वाली महिलाएं अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा रही हैं वहीं अभी तक वंचित रह गए लोग अपने तथा अपने परिवार और गांव के हित में अपनी आकांक्षाओं को सरकार से साझा कर रही हैं. प्राप्त आकांक्षाओं तथा सुझाओं के आधार पर सरकार अपने विभिन्न विभागों के सामंजस्य से इसे पूरा करने में जुटी है. एक सशक्त ग्रामीण समाज और सशक्त नारी की अवधारणा को सम्पूर्ण रूप से जमीन पर उतारने के लिए सरकार अपनी नीतियों में भी इसे ढालना चाह रही है.अब तक 1197 ग्राम संगठन में संपन्न हुआ कार्यक्रम
आज कार्यक्रम के 29 वें दिन जिले के 42 जीविका महिला ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अभी तक कुल 1197 ग्राम संगठन में यह कार्यक्रम हो चुका है. दो लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा ले चुकी हैं. 36 हजार से अधिक की संख्या में व्यक्तिगत तथा सामूहिक आकांक्षाओं को दर्ज किया जा चुका है. कार्यक्रम जून के मध्य तक लगातार रूप से चलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

