पूर्णिया. प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को नीलाम पत्र वादों से संबंधित प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक में जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में जिला-वार समीक्षा की गयी.अध्यक्ष-सह-सचिव, राजस्व पर्षद, बिहार, पटना के दिनांक 16.09.2025 की बैठक में दिये गये निर्देश के आलोक में जिलों से अनुपालन प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. जिलों से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी. पाया गया कि दिये गये निर्देश का सम्यक अनुपालन जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के स्तर से नहीं किया गया है. बैठक में सभी जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक ( मु )सह नोडल पदाधिकारी पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज के पदाधिकारी मौजूद थे.
डीएम व एसपी को अध्यक्ष-सह-सचिव, राजस्व पर्षद, बिहार, पटना द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया. नीलाम पत्र पदाधिकारी, किशनगंज ने बताया कि सारे मामलों में वारंट जारी किया गया है, लेकिन अन्य जिलों के पीठासीन पदाधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है, जो खेदजनक स्थिति है. संबंधित अपर समाहर्ता को आदेश दिया जाता है कि इसकी समीक्षा करें तथा पुलिस अधीक्षक इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए राशि की वसूली की जाये.समीक्षा में यह पाया गया कि किशनगंज जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों की प्रगति काफी धीमी है. संबंधित जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि उक्त नीलाम पत्र वाद से संबंधित अभिलेख की जांचोपरांत अपनी टिप्पणी उपलब्ध कराएं. जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय संयुक्त रूप से लंबित बीडब्लू की साप्ताहिक समीक्षा कर संयुक्त प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को भेजते हुए इसकी प्रति अधोहस्ताक्षरी के ई-मेल पर भेजना सुनिश्चित करें.
अररिया जिले के नीलाम पत्र वाद की प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि गबनग्रस्त राशि के संबंध में अपर समाहर्ता एवं उप विकास आयुक्त के द्वारा लापरवाहीपूर्ण कार्यकलाप परिलक्षित हुआ है. इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण जिला पदाधिकारी, अररिया के माध्यम से उपलब्ध करावें.कहा गया कि अनुमंडल पदाधिकारी, सदर पूर्णिया द्वारा बॉडी वारंट निर्गत किया गया है. अपर समाहर्त्ता, भू-हदबंदी, नीलाम पत्र पदाधिकारी तथा राज्य कर अपर आयुक्त, पूर्णिया द्वारा बॉडी वारंट निर्गत नहीं किया गया है, जो खेदजनक है. इस संबंध में वे अपना स्पष्टीकरण जिला पदाधिकारी, पूर्णिया के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करावें.
बिहार लोक शिकायत के मामलों में 15 दिनों में करें सुधार : आयुक्त
पूर्णिया. प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत टाइप-II आदेशों के अनुपालन की समीक्षा की गयी. विगत समीक्षा बैठक के आलोक में टाइप-ll कंडीशनल ऑर्डर का अनुपालन प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके अतिरिक्त प्रमंडलीय आयुक्त- सह- प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा पारित आदेश के अनुपालन प्रतिवेदन भी विहित प्रपत्र में उपलब्ध नहीं कराया गया. सभी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को इस संबंध में एक सप्ताह के अंदर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है. समीक्षा में यह पाया गया कि इसकी समीक्षा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के स्तर से नहीं की गयी, जो खेदजनक स्थिति है. आयुक्त ने 15 दिनों के अंदर इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया. साथ ही जिला लोक शिकायत पदाधिकारी प्रत्येक सोमवार को साप्ताहिक प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी के ई-मेल पर भेजना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. आयुक्त ने सभी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आदेश दिया कि अपने कार्यालय के लंबित पुराने मामलों का समीक्षा करें. प्रमंडलीय आयुक्त-सह- प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा निर्गत टाइप-II कंडीशनल ऑर्डर में अनुपालन हेतु लंबित मामलों की संख्या जिलावार पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज में क्रमशः 198, 159, 177 एवं 84 है. इसकी समेकित सूची सभी जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को उपलब्ध करायी जा चुकी है. सभी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आदेश दिया गया कि प्रमंडलीय आयुक्त – सह – प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा निर्गत टाइप-II कंडीशनल ऑर्डर के संबंध में प्रत्येक माह न्यूनतम 15 प्रतिशत अनुपालन लोक प्राधिकार द्वारा कराते हुए समेकित अनुपालन प्रतिवेदन अगली बैठक से तीन दिन पूर्व आयुक्त कार्यालय, पूर्णिया प्रमंडल, पूर्णिया में उपलब्ध करायी जाये.
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