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सांसद का 24 को सांकेतिक बंद का एलान, कहा-मखाना बोर्ड पूर्णिया से बाहर नहीं जाने देंगे

सांसद का 24 को सांकेतिक बंद का एलान

पूर्णिया. मखाना बोर्ड के सवाल को लेकर सांसद पप्पू यादव ने आगामी 24 फरवरी को पूर्णिया-कटिहार में सांकेतिक बंद कर एलान किया और कहा कि किसी भी कीमत पर मखाना बोर्ड पूर्णिया से बाहर नहीं जाने देंगे. सांसद श्री यादव शनिवार को अर्जुन भवन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोशी एवं सीमांचल में जदयू और भाजपा के सर्वाधिक एमएलए एवं एमपी हैं. मखाना बोर्ड के सवाल पर इस इलाके के सभी एमएलए और एमपी अपने-अपने सदन में जनता के लिए खड़े हों, धोखा नहीं दें. उन्होंने कहा कि 92.5 प्रतिशत मखाना हम दुनिया को देते हैं. इसमें 70 प्रतिशत मखाना सीमांचल एवं कोशी से जाता है. इतना ही नहीं मखाना उत्पादन के लिए सभी मजदूर बाहर से इसी इलाके में आते हैं. जबकि देश के कृषि मंत्री मखाना के किसानों से बात करने दरभंगा जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सांकेतिक बंद के ऐलान से बात नहीं बनी तो आगामी 10 मार्च को कोशी एवं सीमांचल को अनिश्चितकालीन बंद रखा जायेगा. वे खुद रेल के पटरी पर बैठ जायेंगे और रेल सेवा बाधित करेंगे. सीमांचल व कोशी के साथ धोखा सांसद पप्पू यादव ने कहा कि विकास के मुद्दे पर सरकारों ने हमेशा कोशी और सीमांचल के लोगों को धोखा दिया है. खासकर पूर्णिया से सब कुछ छीन कर दूसरे इलाके ले गये. यहां तक कि दिल्ली की सरकार में भी पूर्वांचल का कोई नेता मंत्री नहीं बना. यहां से एयरपोर्ट छीन लिया था, जिसे लड़ कर उन्होंने यहां लाया. एलआईसी एवं एसबीआई का कार्यालय यहां से छीन लिया. पटना के बाद एआईएमएस की स्थापना पूर्णिया में होनी चाहिए थी लेकिन इसे दरभंगा में स्थापित किया जा रहा है. अब मखाना बोर्ड को यहां से ले जाने में कुछ नेता लगे हुए हैं. सवा सौ करोड़ का पैकेज कहां गया? सांसद ने कहा कि आगामी 24 फरवरी को प्रधानमंत्री बिहार को लॉलीपॉप दिखाने भागलपुर आ रहे हैं. जब पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आये थे तो सवा सौ करोड़ के पैकेज का एलान किया था, जो आज तक नहीं मिला. अगर भागलपुर आ रहे हैं तो वहां विश्वविद्यालय की चर्चा क्यों नहीं कर रहे. मुंगेर के संस्कृत विश्वविद्यालय, जमालपुर रेलवे ट्रेनिंग सेंटर, भागलपुर एयरपोर्ट की चर्चा नहीं हो रही है. यहां तक कि चीनी उद्योग और जूट मील की भी चर्चा नहीं हो रही. डेनमार्क के बाद सर्वाधिक दूध उत्पादन कोशी-सीमांचल के इलाके में होता है, इसकी चर्चा नहीं होती. सीमांचल के पडोसी देश बांग्लादेश और नेपाल से खराब संबंध की चर्चा नहीं होती. नेपाल में चीन अपना सैन्य बेस बना लिया, इसकी चर्चा नहीं हो रही.

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