19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

लाफ्टर डे पर विशेष : लंबी उम्र व अच्छी सेहत के लिए हंसना-हंसाना जरूरी

इस भागम भाग और तनावपूर्ण जीवन शैली में कुछ पल हंसने हंसाने को मिल जाय तो दिलो दिमाग में ताजगी आ जाती है.

पूर्णिया. हंसी प्रकृति प्रदत्त एक नैसर्गिक एहसास वाली स्वतः स्फूर्त क्रिया है. किसी भी वजह से उपजी गुदगुदाहट के बाद अतिरेक आनंद व उल्लास के तेज आवेग का प्रदर्शन अमूमन ठहाकों के रूप में होता है. कहते हैं इस धरती के तमाम जीवित प्राणियों में हंसने की कला सिर्फ मनुष्यों के ही पास है. इस भागम भाग और तनावपूर्ण जीवन शैली में कुछ पल हंसने हंसाने को मिल जाय तो दिलो दिमाग में ताजगी आ जाती है. आज जब लोग खुद में इतने व्यस्त हो गये हैं कि जैसे हंसना मुस्कराना ही भूल गये हैं और इसका सीधा असर पडा है इंसानों की जिंदगी पर. दफ्तर से लेकर घर तक तनावपूर्ण वातावरण ने इंसानों की सोच समझ को बेहद प्रभावित किया है. उनमें आक्रामकता बढ़ी है और उनका चैन खो गया है. हर इंसान के अन्दर एकाकीपन बढ़ रहा है. घर, परिवार और समाज से वो दूर होता जा रहा है जो न सिर्फ उसके लिए बल्कि समाज के लिए भी घातक है. इसलिए अब जगह जगह हास्य विनोद वाले वातावरण का निर्माण किया जा रहा है ताकि लोग खुलकर हंसें, खिलखिलाएं और ठहाके लगाएं. छोटे पर्दे से लेकर सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर हजारों की तायदाद में हंसी ठहाकों वाले कार्यक्रमों की बाढ़ आ गयी है. काफी समय से इस क्रिया को भारतीय योग क्रिया में भी शामिल किया जा चुका है जहां प्रतिदिन सुबह कुछ देर तक ठहाके लगाकर एक दूसरे के साथ हंसने हंसाने का प्रयास किया जाता है.

बीस वर्षों से ठहाकों के माध्यम से दूर कर रहे हैं लोगों का तनाव :

लाफिंग बुद्धा के नाम से विख्यात नागेश्वर दास अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि पिछले बीस वर्षों से वे लोगों को ठहाकों के माध्यम से उनके तनावों को कम करने का प्रयास करते आ रहे हैं. साथ ही लोगों में इसके फायदों और उनके अन्दर आनेवाले बदलावों को भी भली भांति महसूस कर रहे हैं. विभिन्न स्थानों के भ्रमण के क्रम में आम आदमी से लेकर जिला प्रशासन के अनुरोध पर कारागृहों में भी ठहाकों भरे कार्यक्रम के जरिये कैदियों में भी काफी बदलाव देखे हैं. जेल से छूटने के बाद कई कैदियों ने मुलाक़ात कर बताया भी कि आपके प्रोग्राम को अटेंड करने के बाद मुझमें समस्याएं झेलने की ताकत आ गयी है. लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास कैदियों के अलावा विद्यालयों, विभिन्न आयोजनों और गांव के चौपालों पर भी जा जाकर लोगों को हसंने हंसाने का काम करते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel