बनमनखी. बनमनखी नगर परिषद वार्ड संख्या–04 निवासी, कोसी-सीमांचल में अपनी व्यंग्यात्मक और जनसरोकार से जुड़ी कविताओं के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ कवि 76 वर्षीय तपेश राय का हृदय गति रुकने से निधन हो गया. उनके असामयिक निधन की खबर फैलते ही बनमनखी सहित आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई. निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग,साहित्यप्रेमी और शुभचिंतक अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर उमड़ पड़े.परिजनों के अनुसार, वे लंबे समय से सामाजिक विषयों पर लेखन में सक्रिय थे और अंतिम समय तक सृजनशील बने रहे. स्थानीय लोगों ने बताया कि तपेश राय पूरे इलाके में स्नेह से “कवि जी” के नाम से जाने जाते थे.उनकी कविताएं स्थानीय ज्वलंत मुद्दों, पुलिस की कार्यशैली,कचहरी-कटघरे की विडंबनाओं, अबला नारी की पीड़ा, दहेज कुप्रथा, पुत्र–कुपुत्र जैसे सामाजिक विषयों पर तीखे व्यंग्य और मानवीय संवेदना के साथ प्रस्तुत होती थीं.यही कारण था कि उनकी रचनाएं लोगों को हंसाते-हंसाते सोचने पर मजबूर कर देती थीं.परिजनों ने बताया कि उनकी कई कविताएं विभिन्न काव्य पुस्तकों में प्रकाशित हो चुकी हैं. साहित्य के प्रति उनका समर्पण और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी.स्व. तपेश राय अपने पीछे दो पुत्रों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं.इलाके के लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की.
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