पूर्णिया पूर्व. पूर्णिया पूर्व प्रखंड मुख्यालय अब मिथिला पेंटिंग से सजा नजर आएगा. यह सांस्कृतिक पहल प्रखंड विकास पदाधिकारी शैलेश कुमार केशरी की अभिनव सोच का परिणाम है. मुख्यालय परिसर की दीवारों पर पारंपरिक मिथिला पेंटिंग उकेरी जा रही है. बुधवार को इस योजना की शुरुआत हुई. स्थानीय कलाकारों द्वारा दीवारों पर ब्रश और रंगों के माध्यम से मिथिला संस्कृति को जीवंत किया गया. यह चित्रकारी जहां सौंदर्य बढ़ाने का कार्य कर रही है वहीं यह क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करने का माध्यम बन रही है. मिथिला पेंटिंग प्राचीन परंपरा और जनमानस की भावनाओं का प्रतीक मानी जाती है. अब यह प्रशासनिक भवनों की दीवारों पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ रही है. कलाकृतियों को गुलाबबाग और रानीपतरा के दो उभरते कलाकार भरत कुमार और सुबोध कुमार तैयार कर रहे हैं. दोनों मिथिला चित्रकला में वर्षों से पारंगत हैं. उन्होंने पारंपरिक रंगों और बारीक रेखांकन के माध्यम से भगवान, लोक जीवन, प्रकृति और सांस्कृतिक प्रतीकों को उकेरना शुरू कर दिया है. स्थानीय नागरिकों और अधिकारियों ने इस पहल की सराहना की है. उनका कहना है कि यह न केवल प्रखंड परिसर को सुंदर बना रहा है, बल्कि नयी पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति से जोड़ने का कार्य कर रहा है. यह पहल पूरे जिले के लिए एक मिसाल बन सकती है. प्रखंड प्रमुख जियाउल हक ने कहा कि वे बीडीओ शैलेश केसरी की इस पहल की काफी सराहना करते हैं. मिथिला पेंटिंग हमारी सभ्यता को सुसज्जित करने का काम करती है. इससे लोगों में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. बीडीओ शैलेश केशरी ने बताया कि जिला प्राधिकारी प्रखंड निरीक्षण के लिए आए थे. उन्होंने स्वच्छता व रंगरोगन का निर्देश दिया था. उन्हीं के आदेशानुसार प्रखंड की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग, वृक्षों का रंगरोगन सहित अन्य कार्य करवाये जा रहे हैं.
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