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जर्जर काठ पुल को लेकर चौथी बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे ग्रामीण

बीकोठी : प्रखंड से गुजरने वाले बीकोठी-मुड़बल्ला सड़क मार्ग के गोपीनगर परसा नदी पर बना काठपुल दो दशक से क्षतिग्रस्त है. परंतु आजतक इसका कायाकल्प नहीं हुआ है. इसे लेकर चौथी बार मतदान बहिष्कार का मूड ग्रामीण बना रहे हैं. इसी असुविधा के मद्देनजर इस क्षेत्र के नागरिकों ने गत 2009 के लोकसभा चुनाव तथा […]

बीकोठी : प्रखंड से गुजरने वाले बीकोठी-मुड़बल्ला सड़क मार्ग के गोपीनगर परसा नदी पर बना काठपुल दो दशक से क्षतिग्रस्त है. परंतु आजतक इसका कायाकल्प नहीं हुआ है. इसे लेकर चौथी बार मतदान बहिष्कार का मूड ग्रामीण बना रहे हैं. इसी असुविधा के मद्देनजर इस क्षेत्र के नागरिकों ने गत 2009 के लोकसभा चुनाव तथा 2010 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था.

लोकसभा चुनाव 2009 में लाख प्रयास के बाद भी नागरिकों ने मतदान मेंं हिस्सा नहीं लिया था. उनका एक ही मांग थी कि पुल नहीं तो वोट नहीं. जबकि 2010 के विधानसभा मेंं
प्रशासन की ओर से समझाने-बुझाने पर मतदान मेंं शरीक हुए थे. पुन: 2014 लोकसभा तथा 2015 का विधानसभा चुनाव मेंं भी मतदान का बहिष्कार किया गया. नदी पुल के इर्द गिर्द के ग्रामीणों ने बताया कि चचरी पुल से जोखिम उठाकर लोग नदी पार करते हैं.
साईकिल या मोटर साईकिल भी पार करने में लोग घबराते हैं. पुल के अभाव मेंं यहां के कृषक अपने उपजाये अनाज को सस्ते दर में विचौलियों के हाथो बेचने के लिए मजबूर हैं. नदीपुल बन जाने से किसानों का उपजाया अनाज सीधे गुलाबबाग मंडी तक पहुंच जायेगा.
उचित मूल्य मिलने से किसानों की आर्थिक हालत बेहतर होने की संभावना है. इस संबंध मेंं बीडीओ मुकेश कुमार रजक ने बताया कि उक्त गावं मेंं वोट बहिष्कार को लेकर कोई सूचना नहीं है. फिर भी वे भौतिक जांच करा लेंगे. जांच मेंं अगर वोट बहिष्कार की बात सामने आयी तो मुख्यालय को अवगत कराएंगे.
आजादी के पहले हुआ था पुल का निर्माण
बताया जाता है कि काठपुल का निर्माण आजादी पूर्व ही हुआ था जिसका अवशेष अब भी देखा जा रहा है. यह सड़क जहां प्रखंड की एक बड़ी आवादी के लिए यातायात का साधन थी
वहीं यह सड़क मार्ग मधेपुरा, सहरसा,सुपौल आदि जिले के सम्पर्क का साधन बना हुआ था. खासकर प्रखंड के भी दर्जनों गांव इस सड़क से जुड़े हुए हैं. जबकि इस नदी पुल निर्माण हो जाने पर मधेपुरा जिला के मुरलीगंज प्रखंड तथा बिहारीगंज के गांवों का विकास होना तय है.
इस पुल से एक भी छोटी-बड़ी गाड़ी नहीं गुजर रही है. लंबी दूरी तयकर लोग प्रखंड मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय तथा जिला मुख्यालय जाने को बेबस हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यही कारण है कि इस क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से बेहद पिछड़े हुए हैं.
दुर्घटना को लेकर रहती है आशंका
गौरतलब है कि नदी के दोनों किनारे पर दो विद्यालय मध्य विद्यालय गोपीनगर परसा तथा दूसरे किनारे पर मध्य विद्यालय विंदटोल अवस्थित है. बरसात के मौसम मेंं बच्चों को अभिभावकों द्वारा विद्यालय नहीं जाने दिया जाता है. इसका कारण क्षतिग्रस्त पुल पर दुर्घटना की आशंका है.
बताया जाता है कि पुल नहीं रहने के कारण यहां की विधि व्यवस्था भी प्रभावित होती है. यही कारण है कि वारदात के काफी देर बाद पुलिस प्रशासन के लोग घटना स्थल पर पहुंच पाते हैं.

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