PM Modi Gift: बिहार के गोपालगंज जिले को आखिरकार शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित एलिवेटेड कॉरिडोर की सौगात मिल गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. करीब 184.90 करोड़ रुपए की लागत से बने इस 2.75 किलोमीटर लंबे चार लेन के एलिवेटेड कॉरिडोर ने जिले के लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक राहत दिलाने की उम्मीद जगा दी है.
दो साल में पूरा हुआ प्रोजेक्ट
इस एलिवेटेड कॉरिडोर को दो वर्षों में पूरा किया गया, जो अब गोपालगंज के मुख्य शहर से होकर गुजरने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट कर देगा, जिससे आवाजाही में सुविधा और गति दोनों बढ़ेगी. हालांकि, इसके निर्माण के साथ ही एक और ‘हाईवे’ खुल गया है- राजनीतिक श्रेय का.
किसका है श्रेय? शुरू हुई सियासी तकरार
एलिवेटेड कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद भाजपा और जदयू में इसे लेकर सियासी बयानबाज़ी शुरू हो गई है. भाजपा के पूर्व सांसद और मंत्री जनक राम ने दावा किया कि यह परियोजना उनके कार्यकाल में शुरू हुई थी, और उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इसे स्वीकृति दिलाई थी.
वहीं, जदयू के वर्तमान सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन ने कहा कि यह परियोजना वर्षों से लंबित थी, जिसे 2020 में स्वीकृति दिलाने और समय पर पूर्ण कराने में उनकी अहम भूमिका रही. उन्होंने बताया कि संसद में प्रश्न उठाने और प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ही इसे तेजी मिली.
दिवंगत मंत्री के बेटे ने भी जताया दावा
पूर्व मंत्री स्व. सुभाष सिंह के बेटे अनिकेत सिंह ने भी परियोजना को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उनके पिता ने इस कॉरिडोर के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया था और इसकी नींव उनके प्रयासों का परिणाम है.
विकास के साथ-साथ राजनीति भी गरमाई
पिछले दस दिनों में गोपालगंज को दो बड़ी सौगातें मिली हैं- थावे जंक्शन का मॉडल स्टेशन और अब एलिवेटेड कॉरिडोर. जहां एक ओर जनता को इस विकास से राहत की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर सियासत में इसका श्रेय लेने की प्रतिस्पर्धा तेज होती दिख रही है.