Zoo winter preparation : राजधानी पटना में इन दिनों पारा गिरा हुआ है. ठंड बढ़ते ही चिड़ियाघर के जानवरों की भी ‘विंटर केयर’ शुरू हो गई है. मगर संजय गांधी जैविक उद्यान इन दिनों चर्चा में है. ऐसा इस लिए क्योंकि यहां देश–विदेश से लाए गए वन्यजीवों को ठंड से बचाने का इंतेजाम किया जा रहा है. उनके लिए हीटर, नाइट हाउस, कंबल और स्पेशल डाइट जैसी व्यवस्था की जा रही हैं. जू प्रशासन का कहना है कि इस बार तैयारी पहले से ज्यादा अच्छी और हाई–टेक की जा रही है, ताकि किसी भी जानवर को शीतलहर से परेशानी न हो.
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नाइट हाउस में हीटर–प्लेटफॉर्म, ताकि पैरों को न लगे ठंड
जू निदेशक हेमंत पाटिल के अनुसार, हर इंक्लोजर में नाइट हाउस एक्टिव कर दिए गए हैं. जानवरों के सेल्स के अंदर लकड़ी के प्लेटफॉर्म लगाए गए हैं. जिससे जानवरों का शरीर सीधी ठंडी जमीन से न छुए. साथ ही ऑयल हीटर भी चलाए जा रहे हैं, ताकि सेल्स के अंदर का तापमान सामान्य बना रहे.
अजगर भी गर्म कंबल में सर्दी काटेगा!
बढ़ती ठंड को देखते हुए बंदर, लंगूर, चिंपांज़ी, हूलॉक गिब्बन और लॉयन-टेल मकाक को ठंड से बचाने के लिए गर्म कंबल दिए जा रहे हैं. सरीसृपों में जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है. इनके सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गए हैं. इससे उनके शरीर का तापमान स्थिर रहेगा. सरीसृपों के लिए हीटिंग बल्ब की भी व्यवस्था की गई है. यानी इस बार अजगर भी गर्म कंबल में सर्दी काटेगा!

हाथियों को हो रही सरसों तेल की मालिश
पटना जू के हाथियों को तो राजसी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. इन्हें सरसों के तेल की मालिश की जा रही है. ताकि इनके शरीर में गर्मी बनी रहे. इसके अलावा खाने के लिए गन्ना और सोयाबीन दिया जा रहा है. इसके अलावा हाथियों को मौसमी फल भी दिए जा रहे हैं ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता में कोई कमी न हो. इसे अलावा उबला धान भी दिया जा रहा है.
शाकाहारी जानवरों के लिए पुआल का मोटा बेड
शाकाहारी वन्यजीवों जैसे हिरण, नीलगाय, जिराफ आदि के लिए इंक्लोजर में पुआल का मोटा बेड तैयार किया गया है. ताकि इन जीवों को आराम और गर्मी दोनों मिल सके. पूर्वी और पश्चिमी शीतलहर रोकने के लिए इनके बाड़े में घास, फूस और बांस की चचरी से घेराव भी किया गया है.
चिंपांज़ी की स्पेशल डाइट में च्यवनप्राश से लेकर आंवला मुरब्बा
जू प्रशासन ने इस बार जानवरों की डाइट में कई विटामिन–रिच आइटम जोड़े हैं. चिंपांज़ी और प्राइमेट्स को दिए जा रहे हैं. इनकी डाइट में च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवला मुरब्बा और मौसमी फल को शामिल किया गया है. वहीं, भालुओं को शहद, अंडा, गन्ना, गुड़ की खीर और ताजे फल दिए जा रहे हैं. मांसाहारी प्रजातियों के भोजन की मात्रा भी बढ़ा दी गई है. ताकि उनके प्रोटीन की कमी पूरी हो सके.

पक्षियों के घर ढके गए
ठंडी हवा से बचाव के लिए पक्षियों के इंक्लोजर को प्लास्टिक शीट और एगरोनेट से ढक दिया गया है. लेकिन रोशनी और वेंटिलेशन की व्यवस्था रखी गई है. इसके अलावा सभी इंक्लोजर पर लगातार 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. ताकि कोई भी जीव बीमार न पड़े और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मेडिकेशन और टेम्परेचर एडजस्टमेंट हो सके.
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