संवाददाता, पटना
भ्रष्टाचार में महिला अफसरों की संलिप्तता बढ़ी है. अब भ्रष्टाचार का चेहरा सिर्फ पुरुष प्रधान नहीं रहा, बल्कि महिला अफसर भी इसकी परतों में शामिल दिखायी दे रही हैं. बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग ने 15 अगस्त, 2025 तक राज्य में रिश्वतखोरी के 60 मामले दर्ज किये गये, जिनमें 58 सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ गिरफ्तार हुए और करीब 19 लाख दो हजार रुपये घूस के बरामद किये गये. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 10 फीसदी यानी छह महिलाएं भी शामिल हैं. इस साल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने अकेले चार महिला अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सुपौल और अन्य जिलों में दो महिला अफसरों पर भी कार्रवाई हुई.
आंकड़ों के अनुसार, बिहार में औसतन हर चौथे दिन एक रिश्वतखोर पकड़ में आ रहा है. एक आरोपी से विभागवार आंकड़े बताते हैं कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सबसे ज्यादा 19 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि पुलिस विभाग में 14 अधिकारी निगरानी के जाल में
फंसे हैं. वहीं राज्य सरकार ने प्रोन्नति से पहले अधिकारियों और कर्मचारियों की स्वच्छता (विजिलेंस क्लियरेंस) तय करने के लिए सभी जिलों को ताजा सूची भेज दी है. इस सूची में विभागवार उन अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्योरा शामिल है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच या प्राथमिकी लंबित है. जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे सूची का मिलान कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजें, ताकि दागी अफसरों की प्रोन्नति रोकी जा सके. 357 पेज की सूची में भ्रष्टाचार के आरोपित 4878 अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम हैं.
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