आनंद तिवारी, पटना: बिहार के लोगों को केंद्रीय बजट में बड़ी सौगात मिली है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बिहार के लोगों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देने की सौगात दी है. सब कुछ ठीक रहा, तो अगले छह माह के अंत तक यह ट्रेन पटना की रूट से चलने लगेगी. नये बजट के अनुसार दो वंदे भारत ट्रेन बिहार के अलग-अलग स्टेशनों से गुजरेंगी.
पटना और बनारस से हावड़ा के लिए चलेगी ट्रेन
पहली वंदे भारत ट्रेन पटना से हावड़ा रूट पर और दूसरी ट्रेन वाराणसी से गया के रास्ते हावड़ा के लिए चलेगी. यहां बता दे कि वर्तमान में पटना से हावड़ा के लिए दूरंतो व जनशताब्दी एक्सप्रेस सहित कुछ ट्रेनें चलती हैं. वहीं वंदे भारत ट्रेन दूरंतों व जनशताब्दी की तुलना में तेज चलेगी और यात्रियों को कम समय में ही गंतव्य स्टेशन तक पहुंचायेगी.
तेजस राजधानी को भी वंदे भारत में किया जायेगा तब्दील
पूर्व मध्य रेलवे में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन राजेंद्र नगर दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस है. लेकिन वंदे भारत इससे भी तेज गति से चलेगी. वहीं रेलवे बोर्ड के सूत्रों की मानें, तो आने वाले दिनों में तेजस राजधानी जैसी ट्रेनों को भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में तब्दील करने की तैयारी है. चूंकि अभी तेजस राजधानी व अन्य ट्रेनों की बोगियां जर्मन तकनीक से बनी हैं, जिन्हें एलएचबी रैक कहा जाता है. वंदे भारत ट्रेन स्वदेशी तकनीक से बनी ट्रेन होगी, जिसकी बोगियों के उत्पादन में कम लागत आयेगी. ट्रेन को मजबूत करने के लिए होंगे खर्च
रेलवे ट्रैक को मजबूत करने पर भी जोर
इस बजट में रेलवे ट्रैक को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है. खासकर दिल्ली से हावड़ा के बीच रेलवे ट्रैक पर अधिक ध्यान दिया जायेगा. इसके लिए अलग से फंड जारी किया गया है, ताकि ट्रेनों की गति को बढ़ाया जा सके. अभी पूमरे के महत्वपूर्ण रूटों पर ट्रेनों की गति अधिकतम 130 किमी प्रतिघंटे है. इसे आने वाले दिनों में बढ़ाकर 150 से 160 तक करने की तैयारी है. इसीआर के कुछ रूटों पर काम भी तेज कर दिया गया है.
पूमरे की ट्रेनें सुरक्षा कवच सिस्टम से होंगी लैस
इस बजट में ट्रेनों को कवच सिस्टम से लैस करने की योजना बनायी गयी है. ऐसे में रेल मार्गों पर किसी भी तरह के खतरे का संकेत पायलट, कंट्रोल और स्टेशनों को प्राप्त हो सकेगा. रेल परिसरों में सुरक्षा बढ़ाने को लेकर पटना, राजेंद्रनगर व अन्य स्टेशनों पर समेकित सुरक्षा प्रणाली का विकास किया जायेगा. इसमें हाइ रिजॉल्यूशन कैमरे से रेल परिसर में चप्पे चप्पे पर नजर रखी जायेगी. इसके अलावा रेलवे के भवन सौर ऊर्जा से जगमग होंगे. रेलवे कॉलोनियों, प्रशासनिक भवनों, छोटे रेलवे स्टेशनों आदि जगहों पर ग्रीन ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में चर्चा की गयी है.